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Tuesday, September 17, 2024
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साइबर क्राइम डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड : बढ़ते खतरे की कहानी

साइबर क्राइम डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड हाल ही में सामने आया एक गंभीर साइबर अपराध है, जिसने आम लोगों को चिंता में डाल दिया है। इस फ्रॉड में ठग एक नकली ‘डिजिटल अरेस्ट’ प्रक्रिया के तहत लोगों को फंसाते हैं। यह फ्रॉड इंटरनेट और मोबाइल के माध्यम से चलाया जाता है, जहां ठग सरकारी एजेंसियों के नाम पर फर्जी गिरफ्तारी वारंट जारी करने की धमकी देते हैं।

घोटाले की प्रक्रिया:

इस फ्रॉड  में ठग पहले पीड़ितों को फोन कॉल या ईमेल के माध्यम से संपर्क करते हैं। वे खुद को सरकारी अधिकारी, पुलिस, या साइबर क्राइम विभाग का प्रतिनिधि बताते हैं। इसके बाद, वे पीड़ित को बताते हैं कि उनका नाम किसी साइबर क्राइम में शामिल है, और उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। इस नकली वारंट को रद्द करने के लिए ठग पीड़ित से तुरंत पैसे की मांग करते हैं, आमतौर पर बैंक ट्रांसफर, डिजिटल वॉलेट, या क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से।

पीड़ितों की मानसिक स्थिति:

डर और दबाव के कारण, कई लोग इस तरह की धमकियों के आगे झुक जाते हैं और बिना सचाई की जांच किए ठगों को पैसे दे देते हैं। खासकर, जो लोग तकनीकी जानकारी से वंचित होते हैं या जिनके पास इस तरह के मामलों का अनुभव नहीं होता, वे जल्दी ही ठगी के शिकार हो जाते हैं। ठग इस घोटाले को इतना सटीक तरीके से अंजाम देते हैं कि कई बार पीड़ितों को यह एहसास ही नहीं होता कि वे धोखे में फंस रहे हैं।

घोटाले के प्रभाव:

इस तरह के साइबर अपराध न केवल आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि पीड़ितों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी गहरा असर डालते हैं। लोग डर और शर्मिंदगी के कारण पुलिस में रिपोर्ट दर्ज नहीं कराते, जिससे ठगों का मनोबल और बढ़ता है। यह घोटाला समाज में एक डर का माहौल बनाता है, जिससे लोग डिजिटल तकनीकों पर से भरोसा खोने लगते हैं।

कैसे बचें इस फ्रॉड से:

  1. सतर्क रहें: अगर कोई अज्ञात व्यक्ति खुद को सरकारी अधिकारी बताता है और पैसे की मांग करता है, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
  2. सत्यापन करें: किसी भी प्रकार की सूचना का सत्यापन करें। संबंधित विभाग की वेबसाइट या आधिकारिक नंबर पर कॉल करके जांच करें।
  3. संवेदनशील जानकारी साझा न करें: कभी भी अपने बैंक अकाउंट, ओटीपी, या अन्य व्यक्तिगत जानकारी अज्ञात लोगों के साथ साझा न करें।
  4. पुलिस में शिकायत दर्ज करें: अगर आपको इस तरह के किसी भी घोटाले का सामना करना पड़े, तो तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम विभाग में शिकायत दर्ज करें।

साइबर क्राइम डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड एक गंभीर समस्या है, लेकिन जागरूकता और सतर्कता से हम इसे रोका जा सकता है। हमें खुद और अपने प्रियजनों को इस तरह के साइबर अपराधों से बचने के लिए सतर्क रहना होगा।

लेख  – अशोक कुमार ,
एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में तकनीकी प्रबंधक के रूप में कार्यरत
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