गुमला – गुमला जिले के बिशुनपुर प्रखंड के बनारी पंचायत में झारखंड आंदोलनकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल की अध्यक्ष रोजलीन तिर्की के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुरुष और महिला आंदोलनकारी शामिल हुए। बैठक में 30 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास के घेराव का निर्णय लिया गया।
आंदोलनकारियों ने एक स्वर में कहा कि राज्य सरकार भले ही सभी वर्गों के लिए सोच रही हो, लेकिन जिन आंदोलनकारियों के संघर्षों के बलबूते पर वर्तमान मुख्यमंत्री और मंत्री सत्ता में बैठे हैं, वे या तो इस दुनिया से चले गए हैं या फिर आज बदहाल और लाचार जीवन जीने को मजबूर हैं। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या उनकी इच्छाएं मरणोपरांत ही पूरी होंगी?
सरकार से आंदोलनकारियों की मांग
बैठक में वक्ताओं ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी आज भी अपने मान-सम्मान और अधिकारों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कई जिलों में आंदोलनकारी शांतिपूर्ण ढंग से अपनी मांगें सरकार तक पहुँचाने के प्रयास कर रहे हैं। वक्ताओं ने सरकार से अपील की कि चुनावी आचार संहिता लगने से पहले आंदोलनकारियों के सपनों को पूरा किया जाए और उन्हें उनके योगदान का उचित मान-सम्मान दिया जाए।
मुख्यमंत्री आवास घेराव की योजना
आगामी 30 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास के घेराव को सफल बनाने के लिए आंदोलनकारियों ने भारी संख्या में भाग लेने का आह्वान किया। उनका कहना है कि यह आंदोलन उनके अधिकारों और सम्मान की लड़ाई है, जिसे वे हर हाल में जीतना चाहते हैं।
इस अवसर पर मार्शल लकड़ा, गवरीयल मिंज, विराज कुजूर, महेंद्र उरांव, सुनील केरकेट्टा, रामू उरांव, सुषमा खलको, सलोनी पन्ना, सुभासिनी कुजूर, निर्मल उरांव, किशोर गिद्ध, पात्रीक उरांव, हरिमोहन उरांव, प्रदीप टोप्पो, सुधीर तिग्गा, दीपक उरांव, पुणई उरांव, आजाद अली, छोटू अंसारी, मागु लोहार, पीतर असुर समेत कई अन्य आंदोलनकारी मौजूद थे।
बैठक के अंत में सभी ने एकजुट होकर मुख्यमंत्री आवास घेराव को सफल बनाने और अपने हक-हकूक के लिए संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया।
न्यूज़ – गनपत लाल चौरसिया
Edited by – Sanjana Kumari