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108 एम्बुलेंस चालकों की वेतन भुगतान और अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

गुमला, अक्टूबर 2024:
गुमला जिले में 108 एंबुलेंस सेवा से जुड़े चालकों और इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियनों ने पिछले तीन महीने से लंबित वेतन और अन्य मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। गुरुवार को 3 बजे से शुरू हुई इस हड़ताल से जिले की स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर पड़ने की आशंका है। हड़तालियों ने अपनी मांगों को लेकर उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी को ज्ञापन सौंपा और तुरंत समाधान की गुहार लगाई।

वेतन भुगतान में देरी से बढ़ी समस्याएं

हड़ताल पर गए एंबुलेंस चालकों और तकनीशियनों ने बताया कि वे 24 घंटे की इमरजेंसी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, लेकिन पिछले तीन महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि GVK EMRI और ZHL कंपनी ने जुलाई और अगस्त 2023 का वेतन अब तक नहीं दिया है। GVK EMRI कंपनी का टेंडर अगस्त में समाप्त हो चुका है, लेकिन कर्मचारियों को उनका बकाया वेतन नहीं मिला है, जिससे उनके सामने आर्थिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

एंबुलेंस चालकों ने बताया कि PF और ESI जैसी सुविधाओं से भी उन्हें वंचित रखा गया है, जो कि उनके मूलभूत अधिकारों में शामिल हैं। कर्मचारियों का यह भी आरोप है कि कंपनी द्वारा रजिस्ट्रेशन के नाम पर उनसे रिश्वत मांगी जा रही है, और वेतन भुगतान में देरी को NRHM से फंड मिलने में देरी का बहाना बनाया जा रहा है।

हड़ताल की मुख्य मांगें

एंबुलेंस चालकों और टेक्नीशियनों ने अपनी मांगों को स्पष्ट करते हुए कहा है कि उन्हें वेतन समय पर मिलना चाहिए, साथ ही वेतन में वृद्धि भी होनी चाहिए। उनकी यह भी मांग है कि 108 एंबुलेंस सेवा को किसी बाहरी निजी कंपनी को न देकर झारखंड सरकार के तहत संचालित किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने NRHM (राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन) से इस सेवा को स्थाई रूप से संचालित करने की मांग की है, ताकि कर्मचारियों को स्थायी रोजगार और सुविधाएं मिल सकें।

हड़तालियों ने अपनी मांगों में यह भी कहा कि वेतन भुगतान की प्रक्रिया को NRHM से जोड़ा जाए ताकि वेतन वितरण में कोई देरी न हो और उनका वेतन समय पर और नियमित रूप से मिल सके।

स्वास्थ्य सेवाओं पर असर

108 एंबुलेंस सेवा के बंद हो जाने से जिले में स्वास्थ्य सेवाओं पर गहरा असर पड़ने की आशंका है। जिले में चल रहे दुर्गा पूजा समारोह और आने वाले त्योहारों के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति में एंबुलेंस सेवाओं की जरूरत बढ़ने की संभावना है, लेकिन हड़ताल के कारण इस सेवा में रुकावटें आ गई हैं।

पूजा पंडालों और अन्य सार्वजनिक स्थलों पर एम्बुलेंस सेवाएं तैनात की गई थीं, लेकिन अब इन सेवाओं में कमी आ गई है। इससे दुर्घटना या अन्य आपात स्थितियों में स्वास्थ्य सेवाओं की चपलता और प्रभावशीलता पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

हड़ताल का प्रभाव और प्रशासन की प्रतिक्रिया

हड़ताल के कारण जिले में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं ठप हो गई हैं, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानी हो रही है। खासकर उन जगहों पर जहां त्योहारों के कारण भीड़भाड़ होती है, वहां पर स्वास्थ्य सेवाओं का प्रभावित होना गंभीर चिंता का विषय है। हड़तालियों ने सदर अस्पताल के उपाधीक्षक अनुपम किशोर को भी अपनी समस्याओं से अवगत कराया है।

उपाधीक्षक ने तुरंत जिला अकाउंट मैनेजर से संपर्क किया और उन्हें इस मामले से अवगत कराया। इसके बाद प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने के प्रयास किए जाएंगे।

प्रशासन से मांग: जल्द समाधान हो

एंबुलेंस चालकों और टेक्नीशियनों ने इस हड़ताल के जरिए जिला प्रशासन से अपील की है कि वे 108 एंबुलेंस सेवाओं को स्थायी रूप से झारखंड सरकार के तहत लाने के लिए आवश्यक कदम उठाएं। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी सेवा को स्थायी करने और वेतन में बढ़ोतरी के साथ ही अन्य सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

इस हड़ताल से यह स्पष्ट है कि स्वास्थ्य सेवाओं में कार्यरत कर्मियों को उनके अधिकार और सुविधाएं समय पर नहीं मिल रही हैं। यदि जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान नहीं किया जाता, तो जिले में स्वास्थ्य सेवाओं पर इसका बड़ा असर पड़ेगा, खासकर त्योहारों के मौसम में जब स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता अधिक होती है।

निवारण के संभावित कदम

  1. वेतन वितरण में पारदर्शिता: कर्मचारियों को उनके वेतन का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए, जिला प्रशासन और कंपनियों को वेतन वितरण की प्रक्रिया में पारदर्शिता लानी होगी।
  2. स्थायी रोजगार: हड़ताली कर्मचारियों की मांग के अनुसार, 108 एंबुलेंस सेवाओं को निजी कंपनियों की बजाय राज्य सरकार द्वारा संचालित करने की जरूरत है, जिससे कर्मचारियों को स्थायी रोजगार मिल सके।
  3. समय पर फंड रिलीज: NRHM या संबंधित एजेंसियों से समय पर फंड जारी करना सुनिश्चित किया जाए, ताकि किसी भी प्रकार की वेतन देरी को रोका जा सके।

गुमला जिले में 108 एंबुलेंस सेवाओं से जुड़े चालकों और इमरजेंसी टेक्नीशियनों की हड़ताल से जिले की आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। वेतन भुगतान में देरी और अन्य मांगों को लेकर कर्मियों ने यह कदम उठाया है, और इसका सीधा असर मरीजों और उनके परिजनों पर पड़ रहा है।

जिला प्रशासन को जल्द से जल्द इन मुद्दों का समाधान निकालने की जरूरत है ताकि जिले की स्वास्थ्य सेवाएं पुनः सुचारू रूप से संचालित हो सकें और हड़ताल समाप्त हो। यह हड़ताल एक स्पष्ट संदेश देती है कि कर्मचारियों के अधिकारों और सुविधाओं का सम्मान किए बिना स्वास्थ्य सेवाओं का सुचारू रूप से संचालन संभव नहीं हो सकता।

न्यूज़ – गनपत लाल चौरसिया

Edited by – Sanjana Kumari

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