मरांडी ने कहा-यह मामला अगर जल्द CBI को नहीं सौंपा गया तो, सत्तापक्ष चुनाव को प्रभावित कर सकता है…सवाल उठता है कि आखिर अंचल अधिकारियों के पास इतनी बड़ी राशि कहां से आई? मामले को ठंडे बस्ते डालने के लिए CM ACB या CID को जांच सौंपने की तैयारी में
रांची : कथित वकील सुजीत कुमार जैसे जालसाज पर ED को मैनेज करने के नाम पर सरकारी अधिकारियों से ठगी करने के आरोप में मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने अब चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है. श्री मरांडी ने चुनाव आयोग से पंडरा (रांची) में दर्ज मामले को सीबीआई को सौंपने का आग्रह किया है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो सत्तापक्ष चुनाव को प्रभावित कर सकता है। मरांडी ने पंडरा ओपी, सुखदेव नगर पीएस द्वारा दर्ज एफआईआर (संख्या 507 508, 6.10.2024) की जांच सीबीआई से कराने पर जोर दिया है. इससे पूर्व बाबूलाल मरांडी ने सीएम हेमंत सोरेन से झारखंड में ज़मीन घोटाले से जुड़े वकील सुजीत कुमार, ज़मीन कारोबारी संजीव पांडेय और कुछ अंचल अधिकारियों के संदर्भ में कुछ सवाल पूछे थे. जिसका जवाब उन्हें अबतक नहीं मिला है.
आखिर क्यों चाहते हैं मरांडी CBI जांच…?
श्री मरांडी का आरोप है कि पंडरा ओपी में ये मामला दर्ज है, जिसमें पता चला है कि जांच अधिकारी और जांच से जुड़े अन्य पुलिस अधिकारी कई सरकारी अधिकारियों से भारी मात्रा में धन उगाही करने में कर रहे हैं। साथ ही सरकारी अधिकारियों के निर्देश पर विपक्षी राजनीतिक दलों को फंसाने के लिए इस केस का इस्तेमाल किया जा रहा है। ईडी को मैनेज करने के नाम पर राशि की जो धोखाधड़ी हुई है, उस राशि इस्तेमाल चुनाव के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कई सरकारी अधिकारी जो सीधे जांच के दायरे में हैं, उन्हें चुनाव के दौरान पुलिस को मैनेज करने और उनके एजेंट के रूप में काम करने के लिए धमकाया जा रहा है। इसके अलावा, पुलिस ने संजीव पांडे और आरोपी वकील सुजीत कुमार नामक दो व्यक्तियों को हिरासत में लिया है। उन्हें जगन्नाथ, सुखदेवनगर और नामकुम थाने के विभिन्न पुलिस थानों में छिपा कर रखा गया है। उनका आरोप है कि मौजूदा सरकार दो एफआईआर का इस्तेमाल सरकारी अधिकारियों को प्रभावित करने और नियंत्रित करने के लिए कर सकती है।
मरांडी ने सीएम पर कई सवाल दागे
श्री मरांडी ने इस मामले में सीएम को कटघरे में खड़ा करते कई सवाल दागे हैं, जिस पर अभी तक वे खामोश हैं उनका सवाल है कि क्या यह सच नहीं कि सुजीत कुमार को पिछले दस दिनों से बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के रांची पुलिस ने हिरासत में रखा है? अगर यह सच नहीं है, तो जब मैंने कुछ दिन पहले यह सवाल उठाया था तो रांची पुलिस की ओर से कोई खंडन क्यों नहीं आया? अंचल अधिकारियों ने करोड़ों रुपये बतौर रिश्वत कथित दलाल वकील को दिए हैं तो, सवाल उठता है कि अंचल अधिकारियों के पास इतनी बड़ी राशि कहां से आई?
क्या वजह है कि रांची पुलिस द्वारा पिछले दस दिनों तक मामले को गोल-गोल घुमाने के बाद अब इसे सीआईडी या एसीबी को सौंपने की तैयारी में है, ताकि मामले को आराम से लंबे समय तक लटकाया-भटकाया जा सके? अंत में सीएम से सवाल किया कि आप स्वयं गृह मंत्रालय संभाल रहे हैं, इस वजह से आपकी जिम्मेवारी अधिक बढ़ जाती है. आखिर इतने बड़े घोटाले के मामले में आपकी खामोशी को क्या समझा जाए?