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Monday, November 25, 2024
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विधानसभा चुनाव 2024: मुद्रण सामग्री और आचार संहिता से संबंधित आवश्यक दिशानिर्देश

गुमला: विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारी के तहत चुनाव प्रचार के लिए मुद्रण सामग्री का उपयोग करने वाले राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए नियमों का पालन करना अनिवार्य है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 127 (क) के अनुसार, चुनाव प्रचार में पुस्तिकाओं, पोस्टरों और अन्य मुद्रित सामग्रियों के मुद्रण और प्रकाशन को लेकर स्पष्ट प्रावधान तय किए गए हैं। इन नियमों का उल्लंघन करने पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इस लेख में, चुनाव प्रचार में उपयोग की जाने वाली मुद्रण सामग्री के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है, साथ ही संबंधित प्रावधानों और उनके पालन की अनिवार्यता पर प्रकाश डाला गया है।

1. मुद्रण सामग्री के नियम और शर्तें

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत, कोई भी व्यक्ति किसी ऐसी चुनावी पुस्तिका, पोस्टर, या किसी भी प्रकार की मुद्रित सामग्री को बिना उचित विवरण के मुद्रित या प्रकाशित नहीं कर सकता है। इस अधिनियम के तहत निम्नलिखित प्रमुख नियम हैं:

  • प्रकाशक और मुद्रक का नाम और पता: प्रत्येक मुद्रण सामग्री के मुख्य पृष्ठ पर मुद्रक और प्रकाशक के नाम और पते का स्पष्ट उल्लेख होना चाहिए। यह नियम चुनाव में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए अनिवार्य है, ताकि प्रचार सामग्री के स्रोत का पता लगाया जा सके।
  • प्रकाशक की घोषणा: मुद्रक को प्रकाशक द्वारा हस्ताक्षरित घोषणा पत्र प्राप्त होना चाहिए, जिसमें दो गवाहों के हस्ताक्षर भी होने चाहिए, जो प्रकाशक को व्यक्तिगत रूप से जानते हों। इस घोषणा के बिना कोई भी चुनावी सामग्री मुद्रित नहीं की जा सकती है।

2. प्रकाशन की जानकारी राज्य के अधिकारियों को भेजना

चुनावी प्रचार सामग्री के मुद्रण के बाद, मुद्रक को तीन दिनों के भीतर संबंधित अधिकारियों को दस्तावेज जमा करना अनिवार्य है। इसके लिए निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन करना आवश्यक है:

  • मुख्य निर्वाचन अधिकारी या जिला मजिस्ट्रेट को रिपोर्ट: यदि सामग्री राज्य की राजधानी में मुद्रित की गई है, तो इसकी एक प्रति राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को भेजनी होगी। यदि सामग्री किसी अन्य जिले में मुद्रित की गई है, तो वह प्रति उस जिले के जिला मजिस्ट्रेट को भेजी जानी चाहिए।
  • मुद्रक की जिम्मेदारी: मुद्रक की जिम्मेदारी होती है कि वह प्रकाशक द्वारा प्रदान की गई घोषणा पत्र की एक प्रति और मुद्रित सामग्री के दस्तावेजों को सही समय पर संबंधित अधिकारियों को सौंपे।

3. दस्तावेज़ों की परिभाषा और दायरे

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 127 (क) के अनुसार, मुद्रण प्रक्रिया में हाथ से नकल करने वाली प्रक्रियाओं के अलावा किसी भी विधि से बनाए गए दस्तावेज मुद्रित माने जाएंगे। इसमें पोस्टर, पुस्तिकाएं, फ्लायर्स, और अन्य चुनावी सामग्री शामिल है, जो किसी उम्मीदवार या पार्टी के प्रचार के उद्देश्य से वितरित की जाती है। ऐसे दस्तावेज जिनका उद्देश्य केवल किसी सभा या बैठक की तारीख, समय और स्थान की जानकारी देना है, इस नियम के दायरे में नहीं आते।

4. अधिनियम का उल्लंघन और दंड

अगर कोई व्यक्ति इन नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे गंभीर दंड का सामना करना पड़ सकता है। उपधारा (1) और (2) के तहत उल्लंघन के लिए सजा का प्रावधान है, जिसमें छह महीने तक की जेल या दो हजार रुपये तक का जुर्माना, या दोनों हो सकते हैं। यह सुनिश्चित करना अनिवार्य है कि मुद्रण प्रक्रिया और प्रचार सामग्री में कोई भी नियमों का उल्लंघन न हो, अन्यथा कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।

5. आचार संहिता और चुनावी व्यय का विवरण

चुनाव प्रचार सामग्री के खर्च को आचार संहिता के तहत नियंत्रित किया जाता है। सभी उम्मीदवारों के लिए यह अनिवार्य है कि वे अपने प्रचार के दौरान मुद्रित सामग्री के खर्च का विवरण निर्वाचन व्यय में शामिल करें। इस जानकारी को जिला निर्वाचन कार्यालय में समय पर प्रस्तुत करना होगा। यदि किसी उम्मीदवार द्वारा इन प्रावधानों का उल्लंघन किया जाता है, तो उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 170 एच के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

6. निर्वाचन कार्यालय को जानकारी प्रस्तुत करना

अधिनियम के अनुसार, मुद्रण के तीन दिनों के भीतर चार प्रतियों में चुनावी सामग्री के दस्तावेज प्रस्तुत करना जरूरी है। इन्हें आदर्श आचार संहिता विभाग, लेखा दल और अभ्यर्थी व्यय लेखा विभाग के साथ-साथ जिला निर्वाचन कार्यालय, गुमला को सौंपना होगा। इसके साथ ही, प्रकाशक की घोषणा की एक प्रति भी संलग्न होनी चाहिए।

पालन न करने पर सख्त दंड

लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 127 (क) के तहत चुनाव प्रचार में मुद्रण सामग्री का उपयोग करते समय इन नियमों का पालन करना अनिवार्य है। राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनकी प्रचार सामग्री इन सभी नियमों के अनुरूप हो। इस प्रकार के सख्त नियम चुनाव में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं, जिससे सभी उम्मीदवारों के पास एक समान अवसर हो।

चुनावी प्रचार में शामिल सभी व्यक्तियों और दलों से आग्रह है कि वे इन नियमों का पूर्ण रूप से पालन करें, ताकि चुनाव प्रक्रिया में कोई अवरोध न आए और यह सफलतापूर्वक सम्पन्न हो सके।

News – गणपत लाल चौरसिया

Edited by – Sanjana Kumari

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