झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव 2024 की तैयारियाँ जोरों पर हैं। इस चुनावी समर में तमाड़ विधानसभा क्षेत्र में सभी 19 अभ्यर्थियों का नामांकन स्वीकृत कर दिया गया है। यह क्षेत्र झारखंड की राजनीति में अपनी एक खास पहचान रखता है, और इस बार के चुनाव में विभिन्न पार्टियों के अलावा कई निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं। आइए एक नज़र डालते हैं कि तमाड़ क्षेत्र से किन-किन प्रमुख दलों और निर्दलीय प्रत्याशियों का नामांकन स्वीकृत हुआ है।
तमाड़ विधानसभा क्षेत्र: राजनीतिक विविधता और चुनौतीपूर्ण मुकाबला
तमाड़ विधानसभा क्षेत्र, जिसे झारखंड की आदिवासी बहुल सीटों में गिना जाता है, यहाँ का चुनावी मैदान हर बार विविध और रोचक रहता है। इस बार के चुनाव में भी विभिन्न विचारधाराओं वाले अभ्यर्थी चुनाव में उतरे हैं, जो आदिवासी विकास, सामाजिक कल्याण, और राजनीतिक सुधारों के मुद्दों को लेकर जनता के बीच समर्थन जुटा रहे हैं। इस बार प्रमुख पार्टियों के साथ-साथ 11 निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं, जो इस चुनाव को और भी प्रतिस्पर्धी बना रहे हैं।
स्वीकृत अभ्यर्थियों की सूची: मुख्य राजनीतिक दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों का नामांकन
स्क्रूटनी के बाद तमाड़ विधानसभा क्षेत्र से जिन 19 अभ्यर्थियों का नामांकन स्वीकृत किया गया है, उनकी सूची इस प्रकार है:
- सुरेश मुंडा – सीपीएम (एम): सीपीएम (एम) की ओर से चुनाव लड़ रहे सुरेश मुंडा आदिवासी मुद्दों पर मुखर हैं और श्रमिक वर्ग की आर्थिक स्थिति सुधारने पर जोर दे रहे हैं।
- गुंजन इकिर मुंडा – निर्दलीय: निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में गुंजन इकिर मुंडा ने अपनी पहचान बनाई है। उनकी मुख्य प्राथमिकता स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार और शिक्षा का प्रसार है।
- दमयंती मुंडा – झारखण्ड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा: दमयंती का फोकस महिलाओं के सशक्तिकरण और आदिवासी अधिकारों पर है। उनके पार्टी का क्षेत्र में पुराना प्रभाव है।
- गोपाल कृष्ण पातर – जनता दल यूनाइटेड: गोपाल कृष्ण पातर विकासशील विचारधारा रखते हैं और उनकी प्राथमिकता क्षेत्र में आधारभूत संरचना में सुधार करना है।
- विकास कुमार मुंडा – झारखण्ड मुक्ति मोर्चा: जेएमएम के उम्मीदवार विकास कुमार मुंडा रोजगार सृजन और युवा विकास कार्यक्रमों पर जोर दे रहे हैं।
- प्रेम शंकर शाही मुंडा – भारत आदिवासी पार्टी: प्रेम शंकर शाही मुंडा की प्राथमिकता आदिवासी पहचान और संस्कृति को संरक्षित करना है।
- लखिन्द्र मुंडा – निर्दलीय: निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लखिन्द्र मुंडा मुख्यत: जल संरक्षण और पर्यावरण को लेकर सक्रिय हैं।
- परमेश्वरी सांडिल – निर्दलीय: परमेश्वरी ने ग्रामीण विकास और शिक्षा को अपना प्रमुख मुद्दा बनाया है।
- राजकुमार मुंडा – झारखण्ड पार्टी: राजकुमार झारखण्ड पार्टी की ओर से खड़े हैं, जो आदिवासी स्वायत्तता और सामुदायिक सशक्तिकरण पर ध्यान दे रहे हैं।
- हराधन सिंह मुंडा – निर्दलीय: हराधन सिंह स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दों पर काम कर रहे हैं।
- रविंद्र नाथ मुंडा – निर्दलीय: रविंद्र नाथ मुंडा सामाजिक न्याय और क्षेत्रीय विकास की वकालत कर रहे हैं।
- सचिन पातर – बहुजन मुक्ति पार्टी: सचिन पातर सामाजिक न्याय और बहुजन हितैषी नीतियों का समर्थन कर रहे हैं।
- बिट सिंह मुंडा – निर्दलीय: बिट सिंह मुंडा ने ग्रामीण विकास को अपना प्रमुख मुद्दा बनाया है।
- सिंगराय टुटी – निर्दलीय: सिंगराय टुटी किसानों के कल्याण और कृषि सुधारों पर जोर दे रहे हैं।
- देवनंदन सिंह मुंडा – निर्दलीय: देवनंदन सिंह क्षेत्र में आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता और रोजगार के मुद्दे को लेकर चुनाव लड़ रहे हैं।
- जेहला टुटी – निर्दलीय: जेहला टुटी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार की प्राथमिकता पर काम कर रहे हैं।
- उदरकांत सिंह मुंडा – हमर राज पार्टी: हमर राज पार्टी के उम्मीदवार उदरकांत सिंह ने अपने एजेंडे में समृद्धि और रोजगार को प्राथमिकता दी है।
- इसाहक हमसोय – अम्बेडकराईट पार्टी ऑफ इंडिया: इसाहक सामाजिक समानता और दलित अधिकारों के मुद्दे पर चुनाव लड़ रहे हैं।
- गुरुवा मुंडा – निर्दलीय: गुरुवा मुंडा शिक्षा और स्वास्थय सेवा को जन-जन तक पहुँचाने के मुद्दे पर फोकस कर रहे हैं।
तमाड़ विधानसभा क्षेत्र में चुनावी संघर्ष के प्रमुख मुद्दे
इस बार तमाड़ विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी अधिकार, ग्रामीण विकास, रोजगार, शिक्षा और स्वास्थ्य प्रमुख मुद्दे बनकर उभरे हैं। सभी प्रत्याशियों ने इन विषयों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है, जिससे मतदाताओं के बीच चुनाव के प्रति उत्सुकता और जागरूकता बढ़ी है। राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि तमाड़ में विकास और सामाजिक समानता जैसे मुद्दे चुनावी परिणामों पर गहरा असर डाल सकते हैं।
तमाड़ विधानसभा क्षेत्र में इस बार चुनावी मैदान में उतरे सभी 19 अभ्यर्थियों का नामांकन स्वीकृत किया जा चुका है। आगामी विधानसभा चुनाव में मतदाता एक व्यापक विकल्प के साथ निर्णय कर सकते हैं। इस बार का चुनाव न केवल विभिन्न राजनीतिक दलों बल्कि निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए भी एक कड़ी चुनौती साबित हो सकता है। मतदाताओं के लिए यह चुनाव एक ऐसा मौका है जहाँ वे अपनी आवाज़ का सही प्रतिनिधित्व चुन सकते हैं।
News – Sanjana Kumari