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Thursday, November 21, 2024
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खाना बनाते समय आग से झुलसी महिला, गुमला रेफर: ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की खामियां उजागर

गुमला – चैनपुर थाना क्षेत्र के मालम नावाटोली गांव में सोमवार की सुबह एक दर्दनाक घटना घटी। 48 वर्षीय तरूण कांति तिर्की, जो फ्रांसिस तिर्की की पत्नी हैं, खाना बनाने के दौरान आग से बुरी तरह झुलस गईं। घटना सुबह लगभग 5 बजे की है, जब वह चूल्हा जला रही थीं।

अचानक उनके कपड़ों में आग लग गई। परिवार के सदस्य उस समय सो रहे थे, जिससे आग बुझाने में देर हो गई। कांति तिर्की की चीख-पुकार सुनकर घरवाले जागे और उन्हें बचाने का प्रयास किया, लेकिन तब तक वह गंभीर रूप से घायल हो चुकी थीं।

घटना का विवरण और उपचार में देरी

1. आग लगने के कारण महिला गंभीर रूप से झुलसी
चूल्हे की आग ने कांति तिर्की के कपड़ों को तेजी से अपनी चपेट में ले लिया। परिवार वालों ने किसी तरह आग बुझाई, लेकिन तब तक वह 70-80% तक जल चुकी थीं।

2. प्राथमिक उपचार में देरी
घटना के बाद, परिजनों ने सबसे पहले घरेलू उपचार किया। इसके बाद उन्हें चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। वहां, डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उनकी स्थिति को गंभीर मानते हुए गुमला सदर अस्पताल रेफर कर दिया।

3. एंबुलेंस और परिवहन की समस्या
घायल महिला को अस्पताल ले जाने के लिए परिजनों ने एंबुलेंस को कॉल किया, लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं पहुंच सकी। इसके चलते परिजनों को स्थानीय ऑटो और गाड़ी ढूंढने में समय लग गया, जिससे उपचार में और देरी हो गई।

ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की चुनौतियां

1. एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाओं की कमी
ग्रामीण क्षेत्रों में समय पर एंबुलेंस की उपलब्धता अभी भी एक बड़ी समस्या है। इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाएं कितनी अप्रभावी हैं।

2. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों की सीमित क्षमता
चैनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में केवल प्राथमिक उपचार उपलब्ध है। गंभीर मामलों में मरीजों को गुमला जैसे बड़े अस्पतालों में रेफर करना पड़ता है, जो अक्सर समय पर संभव नहीं हो पाता।

3. परिवहन व्यवस्था की कमी
ग्रामीण क्षेत्रों में यातायात की सीमित सुविधाओं के कारण मरीजों को अस्पताल पहुंचाने में देरी होती है। इस घटना में भी, परिवहन की अनुपलब्धता ने स्थिति को और गंभीर बना दिया।

विशेषज्ञों की राय और आवश्यक कदम

1. प्राथमिक उपचार और प्रशिक्षण की आवश्यकता
स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ग्रामीण समुदायों में प्राथमिक उपचार की ट्रेनिंग देना बेहद जरूरी है। यह ऐसे मामलों में जीवन बचाने में महत्वपूर्ण हो सकता है।

2. आपातकालीन सेवाओं को मजबूत करना
सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में एंबुलेंस सेवाओं को बेहतर बनाने और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को अधिक संसाधन देने की आवश्यकता है। इससे आपातकालीन स्थितियों में मरीजों को समय पर मदद मिल सकेगी।

3. जागरूकता अभियान चलाना
ग्रामीण क्षेत्रों में अग्नि सुरक्षा और प्राथमिक उपचार पर जागरूकता अभियान चलाना चाहिए। यह घटनाओं की रोकथाम और त्वरित प्रतिक्रिया के लिए महत्वपूर्ण है।

स्थानीय प्रशासन और सरकार की भूमिका

इस घटना ने न केवल परिवार के दर्द को उजागर किया, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को भी सामने रखा। स्थानीय प्रशासन को एंबुलेंस सेवाओं की समयबद्धता सुनिश्चित करनी चाहिए और अस्पतालों में आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने पर ध्यान देना चाहिए।

तरूण कांति तिर्की की यह घटना न केवल एक दुखद हादसा है, बल्कि ग्रामीण स्वास्थ्य सेवाओं की सच्चाई को उजागर करती है। यह जरूरी है कि ऐसी घटनाओं से सीख लेकर प्रशासन आपातकालीन सेवाओं को बेहतर बनाने की दिशा में काम करे।

ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर परिवहन, समय पर एंबुलेंस सेवाएं और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को सशक्त बनाकर ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सकता है। सरकार, समाज, और स्थानीय प्रशासन को मिलकर इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।

News – गणपत लाल चौरसिया 

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