गुमला में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने और 2025 में आयोजित होने वाली 10वीं व 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में शत-प्रतिशत सफलता सुनिश्चित करने के लिए गुमला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने एक विशेष बैठक का आयोजन किया। इस बैठक में “सिक्छा कर भेंट” गतिविधि की समीक्षा करते हुए कई प्रभावी रणनीतियां बनाई गईं, जिनसे न केवल परीक्षा परिणामों में सुधार होगा, बल्कि छात्रों और शिक्षकों को भी बेहतर सहयोग मिलेगा।
बैठक के मुख्य निर्देश
बैठक में उपायुक्त ने बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी को सुव्यवस्थित करने के लिए कई अहम निर्देश दिए। ये निर्देश छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने से लेकर शिक्षकों की जवाबदेही तय करने तक विभिन्न क्षेत्रों को कवर करते हैं।
1. विद्यालय और अधिकारियों की टैगिंग
- प्रत्येक माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के साथ अधिकारियों को टैग किया जाएगा।
- एक अधिकारी को अधिकतम दो स्कूलों की जिम्मेदारी दी जाएगी।
- अधिकारियों को छात्रों की साप्ताहिक प्रगति का अनुश्रवण करना होगा।
2. कमजोर छात्रों पर विशेष ध्यान
- लंबे समय से अनुपस्थित या कमजोर छात्रों के लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएंगी।
- शिक्षकों को इन छात्रों के साथ टैग कर व्हाट्सएप और टेलीफोन के माध्यम से होमवर्क और मॉडल प्रश्न भेजने की जिम्मेदारी सौंपी गई।
3. प्री-बोर्ड परीक्षा का आयोजन
- 9 दिसंबर से प्री-बोर्ड परीक्षा आयोजित की जाएगी।
- शिक्षकों की एक कोर टीम बनाई गई है, जो विषयवार मॉडल प्रश्न तैयार कर उन्हें छात्रों तक पहुंचाएगी।
4. खराब प्रदर्शन वाले विद्यालयों की निगरानी
- पिछले वर्ष खराब प्रदर्शन करने वाले अल्पसंख्यक विद्यालयों और इंटर कॉलेजों को वरीय अधिकारियों से जोड़ा जाएगा।
- इन विद्यालयों को विशेष ध्यान देकर उनकी परीक्षा की तैयारी में सुधार किया जाएगा।
5. सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों को सम्मान
- जो विद्यालय 100% सफलता प्राप्त करेंगे, उन्हें विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के आधार पर दिया जाएगा।
समीक्षा के दौरान उपायुक्त द्वारा तय की गई रणनीतियां
1. साप्ताहिक अनुश्रवण और मूल्यांकन
उपायुक्त ने अधिकारियों को हर सप्ताह विद्यालयों का दौरा करने और छात्रों की उपस्थिति, प्रबंधन समिति की बैठकों, और शिक्षकों की प्रगति का निरीक्षण करने का निर्देश दिया।
2. आंतरिक मूल्यांकन में सुधार
विद्यालयों को छात्रों का आंतरिक मूल्यांकन उत्कृष्ट तरीके से आयोजित करने और छात्रों को उनके प्रदर्शन के अनुसार अच्छे अंक देने का निर्देश दिया गया।
3. रेमेडियल कक्षाओं का आयोजन
शिक्षकों से कहा गया कि वे विषयवार रेमेडियल कक्षाओं का आयोजन करें, ताकि छात्रों को उनके कमजोर विषयों में सहायता मिल सके।
4. विभागीय सचिव के निर्देशों का अनुपालन
जैक द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, एक दैनिक कैलेंडर तैयार किया जाएगा। शिक्षा अधिकारियों को इसे नियमित रूप से अनुश्रवण करने की जिम्मेदारी दी गई।
“सिक्छा कर भेंट” गतिविधि का महत्व
“सिक्छा कर भेंट” गुमला में शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए एक अनूठी पहल है। इसका उद्देश्य न केवल छात्रों को शैक्षणिक रूप से तैयार करना है, बल्कि शिक्षकों और प्रशासन के बीच सहयोग को भी बढ़ावा देना है।
प्रमुख लक्ष्य:
- छात्रों की पढ़ाई की नियमितता सुनिश्चित करना।
- शिक्षकों को जवाबदेह बनाना।
- परीक्षा परिणामों में सुधार के लिए समयबद्ध योजनाएं लागू करना।
बैठक में सहभागिता
इस बैठक में गुमला के शिक्षा विभाग के प्रमुख अधिकारी और सहायक नोडल पदाधिकारी शामिल थे।
- प्रमुख उपस्थित अधिकारी:
- जिला शिक्षा अधीक्षक नूर आलम खां
- एडीपीओ ज्योति खलखो
- लेखा पदाधिकारी माधुरी मिंज
- सहायक अभियंता शमशाद अली
अधिकारियों ने सामूहिक रूप से “सिक्छा कर भेंट” की रूपरेखा और उसकी सफलता के लिए सुझाव दिए।
गुमला के शिक्षा स्तर में सुधार की दिशा में सकारात्मक कदम
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की यह पहल गुमला के शिक्षा प्रणाली में एक नई ऊर्जा भरने का काम करेगी। बोर्ड परीक्षाओं के परिणामों में सुधार के साथ-साथ यह गतिविधि छात्रों को प्रोत्साहित करेगी और कमजोर वर्ग के छात्रों को अतिरिक्त सहयोग प्रदान करेगी।
क्या “सिक्छा कर भेंट” जैसी गतिविधियां झारखंड में शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने में मददगार साबित होंगी? अपनी राय साझा करें।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया