गुमला – गुमला जिले में शिक्षा व्यवस्था को सशक्त और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से गुमला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के मार्गदर्शन में “शिक्षा कर भेंट” गतिविधि की शुरुआत की गई है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य जिले के उच्च विद्यालयों और कॉलेजों में कक्षा 10 वीं और 12 वीं के छात्रों के परीक्षा परिणामों में सुधार करना और उनकी शैक्षणिक क्षमताओं को विकसित करना है।
कार्यक्रम की विशेषताएं:
जिले के कुल 148 उच्च विद्यालयों और कॉलेजों के लिए 96 अधिकारियों को टैग किया गया है। इन अधिकारियों में उपायुक्त, उप विकास आयुक्त, सभी SDO, सभी LRDC, PD ITDA, DRDA निदेशक, जिला स्तरीय अधिकारी, प्रखंड स्तरीय अधिकारी, पुलिस बल के अधिकारी, थाना प्रभारी, सशस्त्र बल, और अन्य पदाधिकारी शामिल हैं।
इन अधिकारियों का मुख्य कार्य:
▪हर सप्ताह टैग किए गए विद्यालयों का दौरा करना।
▪विद्यार्थियों से संवाद कर उनकी शैक्षणिक समस्याओं को हल करना।
▪शैक्षणिक गतिविधियों की निगरानी और विद्यालयों में आवश्यक सुविधाओं का आकलन करना।
▪छात्रों के लिए साप्ताहिक मॉक टेस्ट आयोजित करना और उनकी शैक्षणिक प्रगति सुनिश्चित करना।
आज का दौरा:
आज, चैनपुर के SDO, पूर्णिमा कुमारी ने झारखंड आवासीय विद्यालय, चैनपुर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने कक्षा 10 वीं के विद्यार्थियों से मुलाकात की और उनके पाठ्यक्रम से संबंधित विषयों पर चर्चा की। छात्रों के शंकाओं को हल करते हुए उनकी शैक्षणिक यात्रा को और सशक्त बनाने पर जोर दिया गया। साथ ही, विद्यालय की आवश्यक सुविधाओं और व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया गया। इसी क्रम में आज सहायक निदेशक जिला सामाजिक सुरक्षा ललन कुमार रजक सहित जिले के अन्य अधिकारियों ने भी अपने अपने विद्यालयों का दौरा कर बच्चों से मुलाकात की। एवं यह सिलसिला नियमित रूप से चल रहा है। प्रति दिन अधिकारी अपने नियमित कार्यों के अलावा कुछ समय विद्यालय के बच्चों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार करने के लिए दे रहें है ।
पहल के लाभ:
▪विद्यार्थियों की शैक्षणिक समस्याओं का त्वरित समाधान।
▪परीक्षा की तैयारी में सुधार और आत्मविश्वास का विकास।
▪स्कूलों की प्रशासनिक और शैक्षणिक गुणवत्ता में वृद्धि।
उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने कहा, “हमारा उद्देश्य है कि गुमला जिले के सभी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित की जाए। शिक्षा कर भेंट गतिविधि छात्रों के उज्ज्वल भविष्य के निर्माण में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
यह पहल जिले के शिक्षा क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो रही है और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की ओर एक सार्थक प्रयास है।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया