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Friday, December 20, 2024
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दिल्ली के लिए रवाना हुई जिला स्तरीय टीम, मांदर को GI टैग दिलाने की पहल

गुमला : – गुमला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने 19 दिसंबर 2024 को स्थानीय सर्किट हाउसेब परिसर से 6 सदस्यीय जिला स्तरीय टीम को हरि झंडी दिखाकर दिल्ली के लिए रवाना किया , यह टीम गुमला जिले के प्रसिद्ध कारीगरों और विशेषज्ञों की है, जो 20 दिसंबर को दिल्ली में आयोजित GI टैग के लिए अंतिम सुनवाई में भाग लेगी।
इस अवसर पर गुमला उपायुक्त ने सभी कारीगरों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उन्हें शुभकामनाएं दीं , देते हुए कहा,की  मांदर, गुमला जिले की सांस्कृतिक धरोहर और कारीगरी का प्रतीक है, यदि गुमला जिला के मांदर  को  GI टैग प्राप्त होता है, तो यह न केवल गुमला बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व का विषय होगा। यह हमारे कारीगरों के परिश्रम और कौशल को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”
मांदर, जो गुमला जिले के रायडीह प्रखंड के जरजट्टा गांव में तैयार किया जाता है, अपनी विशिष्टता और सांस्कृतिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है , जिसे GI टैग मिलने से उक्त मांदर को बाजार में नई पहचान मिलेगी और कारीगरों को आर्थिक प्रगति के अवसर प्राप्त होंगे।
जिला प्रशासन के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के इस प्रयास को सफल बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है , यदि उक्त मांदर को GI टैग प्राप्त हो पाता है, तो यह क्षेत्रीय उत्पादों को गुमला जिले से वैश्विक मंच पर ले जाने की दिशा में ऐतिहासिक पहल साबित होगी।
इस दौरान गुमला जिले से पहली बार दिल्ली जा रहे मांदर बनाने वाले कारीगरों में बेहद ही उत्साह और उमंग देगा गया, और उन्होंने कहा कि हमारे पारंपरिक कारीगरी  “मांदर” के वजह से  आज हम पहली बार गुमला से अपने भारत देश की राजधानी दिल्ली जा रहे हैं , उन्होंने यह भी कहा कि मांदर को GI टैग मिलने से हमारे यह पारंपरिक उत्पादों को एक नया आयाम मिलेगा एवं हमारी कारीगरी को देश भर में एक अलग पहचान मिलेगी।
मौके पर उद्यमी समन्वयक सूरज कुमार ने कहा कि, जिला प्रशासन एवं मुख्यमंत्री लघु कुटीर उद्यमी के टीम द्वारा कारीगरों को चिन्हित किया गया था, एवं उनके उत्पादों को एक नए स्तर पर ले जाने हेतु लगातार टीम द्वारा प्रयास करते हुए GI टैग के लिए हमने आवेदन किया था , जिसकी अपने भारत देश की राजधानी दिल्ली में  फाइनल हियरिंग है, हम सभी को यह आशा है कि गुमला जिले के मांदर कारीगरी को विश्व स्तर पर पहचान अवश्य मिलेगी।
गुमला के 6 सदस्यीय टीम में मांदर कारीगर, बलदेव नायक, घनश्याम राम, राम नायक एवं रणजीत घासी एवं GI एक्सपर्ट सत्यदीप कुमार तथा  मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्योग, जिला समन्वयक,सूरज कुमार शामिल है।
उक्त कार्यक्रम के दौरान मुख्य रूप से DRDA निदेशक विद्या भूषण , अभिनाश पाठक, अलीना दास सहित अन्य सम्बंधित पदाधिकारी एवं कर्मी मौजूद रहें।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया 
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