गुमला।
गुमला जिले के घाघरा प्रखंड क्षेत्र के नौडीहा स्थित अनुज भवन में आदिवासी उत्थान कल्याण समिति कार्यालय का विधिवत उद्घाटन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि घाघरा थाना प्रभारी तरुण कुमार ने फीता काटकर कार्यालय का उद्घाटन किया। इस दौरान आदिवासी रीति-रिवाजों के तहत उनका भव्य स्वागत किया गया और उन्हें अंग वस्त्र भेंट कर सम्मानित किया गया।
आदिवासी विकास और कल्याण का उद्देश्य
कार्यक्रम में समिति के कानूनी सलाहकार धनेश्वर उरांव ने कहा कि यह संस्था आदिवासी समुदाय के समग्र विकास और कल्याण के लिए काम करेगी। उन्होंने बताया कि समिति की प्राथमिकता कला, संस्कृति और परंपराओं का संरक्षण और प्रचार करना है। इसके अलावा, बाल विवाह रोकने और शादी-विवाह में नशा-पान एवं डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का भी प्रयास किया जाएगा।
संस्कृति संरक्षण और सामाजिक सुधार पर जोर
धनेश्वर उरांव ने यह भी कहा कि संस्था आदिवासी रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करने के लिए विशेष कदम उठाएगी। उन्होंने यह सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की कि आदिवासी समाज के विकास के साथ-साथ उनकी सांस्कृतिक पहचान को भी बनाए रखा जाए।
समिति के पदाधिकारियों की भागीदारी
कार्यक्रम में समिति के अध्यक्ष जोगेंद्र भगत, सचिव भिनेशर भगत, उपाध्यक्ष बलिराम लकड़ा, कोषाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण उरांव, और संगठन सचिव रामेश्वर उरांव समेत कई अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे। इसके अलावा, स्थानीय महिला-पुरुषों ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और अपनी सक्रिय भागीदारी से इसे सफल बनाया।
समाज के लिए नई दिशा
घाघरा थाना प्रभारी तरुण कुमार ने समिति के प्रयासों की सराहना की और कहा कि ऐसे संस्थान आदिवासी समाज के उत्थान में अहम भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने समिति को बच्चों और महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और समाज सुधार में सक्रिय भूमिका निभाने की सलाह दी।
समाज की उम्मीदें
यह नया कार्यालय आदिवासी समाज के लिए विकास और कल्याण के क्षेत्र में एक नई शुरुआत का प्रतीक है। समिति के सदस्य इसे एक प्रभावशाली मंच के रूप में देख रहे हैं, जो आदिवासी समुदाय की समस्याओं के समाधान और उनके उत्थान में मदद करेगा।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया