गुमला: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में स्थित श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (एस.एल.बी.सी.) टनल प्रोजेक्ट का एक हिस्सा ढह जाने से आठ मजदूर अंदर फंस गए हैं। इनमें झारखंड के गुमला जिले के चार श्रमिक भी शामिल हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है, लेकिन अब तक टनल के अंदर फंसे मजदूरों से कोई संपर्क स्थापित नहीं हो सका है।
झारखंड के चार मजदूर भी हैं फंसे
गुमला जिले के चार श्रमिकों की पहचान इस प्रकार हुई है:
- संतोष साहू – ग्राम तिर्रा, गुमला
- अनुज साहू – ग्राम खंभिया कुंबा टोली, घाघरा
- जगत खेस – ग्राम कोबी टोली, रायडीह
- संदीप साहू – ग्राम उमड़ा नकटी टोली, पालकोट
इन मजदूरों के परिवार वाले गहरे सदमे में हैं और उनकी सुरक्षित वापसी के लिए लगातार प्रार्थना कर रहे हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन में आ रही हैं चुनौतियाँ
एनडीआरएफ की टीम ने जब टनल के अंदर से आवाजें लगाईं, तो कोई जवाब नहीं मिला, जिससे चिंता और बढ़ गई है। पानी और कीचड़ को निकालने के लिए हैवी पंप सेट मंगाया गया है ताकि रेस्क्यू टीम आगे बढ़ सके। स्थानीय प्रशासन, केंद्र सरकार, तेलंगाना सरकार और झारखंड सरकार इस ऑपरेशन की लगातार निगरानी कर रहे हैं।
परिवारों में गहरा संकट, रो-रोकर बुरा हाल
गुमला जिले में श्रमिकों के घरों में मातम का माहौल है। परिजन अपने प्रियजनों की सकुशल वापसी की दुआ कर रहे हैं। उनकी आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे। गुमला के उपयुक्त कर्ण सत्यार्थी और जिला प्रशासन लगातार परिजनों को दिलासा देने का प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने की हस्तक्षेप की अपील
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने हादसे के बाद तुरंत तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से संपर्क कर झारखंडी मजदूरों की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने मजदूरों के सुरक्षित रेस्क्यू की अपील की है और झारखंड सरकार के अधिकारी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
कई राज्यों के मजदूर भी हैं फंसे
जानकारी के अनुसार, झारखंड के अलावा उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर और पंजाब के मजदूर भी इस हादसे में फंसे हुए हैं। नागरकुरनूल जिला प्रशासन और संबंधित राज्य सरकारें लगातार स्थिति पर निगरानी रखे हुए हैं। झारखंड सरकार के प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम ने टनल के अंदर प्रवेश कर लिया है, लेकिन अब तक कोई संपर्क नहीं हो सका है।
ट्रैजेडी में बदल सकता है हादसा, प्रशासन अलर्ट पर
टनल के अंदर की स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं हो पाई है, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में चुनौतियाँ बढ़ गई हैं। झारखंड सरकार के निर्देश पर गुमला जिला प्रशासन ने फंसे श्रमिकों के परिवारों से संपर्क किया और उनकी जानकारी एकत्र की।
तीन-चार वर्षों से तेलंगाना में कर रहे थे काम
परिजनों ने बताया कि ये सभी मजदूर पिछले तीन-चार वर्षों से तेलंगाना में काम कर रहे थे और हर साल अपने गांव लौटते थे। हादसे की खबर सुनते ही परिवारवालों की चिंता बढ़ गई है, और वे हर पल अपने परिजनों की सुरक्षित वापसी की आस में बैठे हैं।
आगे की राह
फिलहाल, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें युद्धस्तर पर बचाव अभियान चला रही हैं। स्थिति गंभीर बनी हुई है, लेकिन सरकारें और प्रशासनिक अधिकारी इस ऑपरेशन को सफल बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। पूरे देश की निगाहें इस रेस्क्यू ऑपरेशन पर टिकी हुई हैं, और हर कोई इन मजदूरों की सुरक्षित वापसी की कामना कर रहा है।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया