गुमला: तेलंगाना के नागरकुरनूल जिले में स्थित श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल (SLBC) टनल परियोजना का एक हिस्सा ढह जाने से झारखंड के गुमला जिले के चार मजदूर समेत कुल आठ श्रमिक फंसे हुए हैं। इस आपदा को लेकर झारखंड सरकार पूरी तरह सतर्क है और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर गुमला जिला प्रशासन द्वारा श्रमिकों के परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान की जा रही है।
परिजनों को तेलंगाना भेजा गया, प्रशासन से लगातार संपर्क में
सोमवार शाम को प्रशासन की ओर से प्रत्येक फंसे हुए मजदूर के परिवार से एक सदस्य को फ्लाइट से नागरकुरनूल भेजा गया। सभी परिजन सुरक्षित तेलंगाना पहुंच चुके हैं और वहां के स्थानीय प्रशासन से लगातार संपर्क में हैं। नागरकुरनूल के उपायुक्त बधावथ संतोष ने परिजनों से मुलाकात की और जल्द ही उन्हें घटनास्थल पर ले जाने की जानकारी दी।
बचाव अभियान की जटिलता को देखते हुए परिजनों को कम से कम तीन से चार दिनों तक वहां रुकने की संभावना है। जिला प्रशासन ने यह भी आश्वस्त किया है कि उन्हें हरसंभव सहयोग दिया जाएगा।
रेस्क्यू ऑपरेशन में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल
मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए रैट माइनिंग टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके साथ ही, टनल की ऊपरी सतह से ड्रिलिंग करने की भी योजना बनाई गई है। इस कार्य को अंजाम देने के लिए दिल्ली से जियोलॉजिकल टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो चुकी है।
गुमला प्रशासन की टीम भी तेलंगाना में मौजूद
परिजनों को सहायता देने और बचाव कार्यों पर नजर रखने के लिए गुमला जिला प्रशासन की ओर से DMFT फैलो अविनाश पाठक और गुमला पुलिस के सब-इंस्पेक्टर निखिल आनंद भी मौके पर मौजूद हैं। ये अधिकारी तेलंगाना प्रशासन के साथ मिलकर हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं और स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
सकारात्मक खबर की प्रतीक्षा, सुरक्षित रेस्क्यू की उम्मीद
गुमला जिला प्रशासन ने कहा है कि तेलंगाना सरकार और स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क में हैं और बचाव कार्यों की निगरानी की जा रही है। परिजन और प्रशासन फंसे हुए श्रमिकों की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना कर रहे हैं और जल्द ही कोई सकारात्मक खबर मिलने की उम्मीद है।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया