गुमला, 13 मार्च 2025 – झारखंड पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में बड़ी सफलता मिली है। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीएलएफआई (पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया) के केंद्रीय कमेटी के सेकंड रैंक के हार्डकोर नक्सली दुर्गा सिंह उर्फ पंजरी सिंह, एरिया कमांडर कालेश्वर ठाकुर उर्फ टेम्पू ठाकुर और ओरमांझी क्षेत्र के राम कुमार सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनके पास से एक डबल बैरल राइफल, एक रिवाल्वर, आठ जिंदा कारतूस, दो मोटरसाइकिल और पीएलएफआई से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए गए हैं।
गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई
गुमला जिले के पुलिस अधीक्षक शंभू कुमार सिंह ने बताया कि कामडारा एसडीपीओ को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ अज्ञात लोग दो मोटरसाइकिलों पर सवार होकर विकास योजनाओं से जुड़े लोगों से लेवी वसूलने के इरादे से घूम रहे हैं। इस सूचना को पुलिस अधीक्षक तक पहुंचाया गया, जिसके बाद उनके निर्देश पर एसडीपीओ के नेतृत्व में एक विशेष छापेमारी टीम (SIT) का गठन किया गया।
मुठभेड़ के बाद गिरफ्तारी
गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस टीम ने संदिग्ध स्थान पर निगरानी बढ़ाई और मौके पर पहुंचते ही दो मोटरसाइकिलों पर सवार तीन लोगों को रोकने की कोशिश की। पुलिस को देखते ही आरोपियों ने भागने का प्रयास किया, लेकिन घेराबंदी कर उन्हें धर दबोचा गया। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला कि गिरफ्तार किए गए अपराधी पीएलएफआई के सक्रिय सदस्य हैं और संगठन के लिए लेवी वसूली समेत अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल थे।
गिरफ्तारी से कमजोर हुआ संगठन
गिरफ्तार किए गए उग्रवादियों में दुर्गा सिंह संगठन के केंद्रीय कमेटी में सेकंड रैंक पर था, जबकि कालेश्वर ठाकुर एरिया कमांडर के रूप में कार्य कर रहा था। इनके पकड़े जाने के बाद संगठन की गतिविधियां प्रभावित होने की संभावना है। पुलिस का दावा है कि इससे पीएलएफआई की पकड़ कमजोर होगी और अन्य फरार उग्रवादियों को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद
गिरफ्तार आरोपियों के पास से बरामद मोबाइल फोन से संगठन से जुड़ी कई अहम जानकारियां मिली हैं, जिससे पुलिस को उनके नेटवर्क और गतिविधियों के बारे में गहराई से जानकारी मिलेगी। इसके अलावा, बरामद दस्तावेजों में संगठन के काम करने के तरीकों, संपर्क सूत्रों और योजनाओं से संबंधित महत्वपूर्ण सूचनाएं भी शामिल हैं।
पुलिस की अपील
गुमला पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें, ताकि नक्सली गतिविधियों को जड़ से खत्म किया जा सके। पुलिस प्रशासन का कहना है कि नक्सल विरोधी अभियान को और तेज किया जाएगा और इस तरह की संगठित आपराधिक गतिविधियों पर पूरी तरह अंकुश लगाया जाएगा।
पुलिस की इस कार्रवाई से पीएलएफआई को बड़ा झटका लगा है और क्षेत्र में शांति बहाल करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। प्रशासन अब अन्य फरार उग्रवादियों की गिरफ्तारी के लिए सघन अभियान चलाने की तैयारी कर रहा है।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया