गुमला, झारखंड: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा, अत्याचार और षड्यंत्रों के विरोध में गुमला अधिवक्ता परिषद ने आक्रोश जताया है। परिषद के सदस्यों ने उपायुक्त गुमला के माध्यम से केंद्र सरकार को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें बांग्लादेशी हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की गई।
हिंदू समुदाय पर बढ़ते हमले
गुमला अधिवक्ता परिषद ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर योजनाबद्ध तरीके से हमले किए जा रहे हैं। परिषद ने दावा किया कि हिंदू समुदाय के व्यापारिक प्रतिष्ठानों, घरों और मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। इतना ही नहीं, हिंदू महिलाओं पर अत्याचार और शोषण की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही हैं। परिषद ने इसे मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन करार दिया और तत्काल अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की।
बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर जताई चिंता
परिषद ने अपने ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया कि बांग्लादेश से अवैध रूप से घुसपैठ कर भारत आने वाले मुसलमान, यहां के हिंदू समुदाय के लिए खतरा बनते जा रहे हैं। परिषद के अनुसार, घुसपैठिए न केवल यहां के व्यापार पर कब्जा जमा रहे हैं, बल्कि हिंदू बहू-बेटियों को प्रेम जाल में फंसाकर सामाजिक असंतुलन पैदा कर रहे हैं। अधिवक्ता परिषद ने सरकार से इन घुसपैठियों की पहचान कर उन्हें तुरंत देश से बाहर निकालने की मांग की।
सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग
गुमला अधिवक्ता परिषद ने केंद्र सरकार से बांग्लादेश में हो रहे हिंदुओं के उत्पीड़न पर कड़ी कार्रवाई करने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस मुद्दे को उठाने का अनुरोध किया। परिषद ने कहा कि यदि जल्द कदम नहीं उठाए गए तो यह संकट और भी गंभीर रूप ले सकता है।
ज्ञापन सौंपने वाले प्रमुख अधिवक्ता
ज्ञापन सौंपने वालों में परिषद के अध्यक्ष शशि राजा नागोरी, महासचिव दिनेश महतो, संरक्षक अशोक कुमार पांडे, हेमंत राय, कौशिक राम, आदित्य कुमार, सुरेंद्र अरोड़ा, भूपति कुमार, राजेंद्र साहू, रितेश कुमार, विष्णु मिस्त्री, अजय साहू और बलदेव शर्मा सहित कई अन्य अधिवक्ता शामिल थे।
गुमला अधिवक्ता परिषद ने स्पष्ट किया कि यदि इस मुद्दे पर सरकार ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो आगे और बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया