गुमला: प्रकृति आराधना और सामुदायिक सौहार्द के पर्व सरहुल के अवसर पर गुमला जिला मुख्यालय में केंद्रीय सरहुल संचालन समिति गुमला के तत्वावधान में भव्य पूजा और सांस्कृतिक जुलूस का आयोजन किया गया। परंपरागत वेशभूषा में सजे श्रद्धालु ढोल-नगाड़ों और मांदर की थाप पर झूमते नजर आए। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की ओर से कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रमुख चौक-चौराहों पर मजिस्ट्रेट और सशस्त्र पुलिस बल तैनात किया गया था।
सरहुल पूजा और जुलूस का भव्य आयोजन
गुमला के दुन्दुरिया लोहरदगा रोड स्थित उरांव (सरना) क्लब परिसर में मंगलवार को पहन पुजार द्वारा विधि-विधान से सरहुल पूजा संपन्न कराई गई। इसके बाद श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद का वितरण किया गया। पूजा के उपरांत एक विशाल सरहुल जुलूस निकाला गया, जो चैनपुर रोड, पटेल चौक, मेन रोड, टावर चौक (शहीद चौक), पालकोट रोड, झंडा पूजा स्थल, सिसई रोड, थाना रोड होते हुए पुनः दुन्दुरिया उरांव छात्रावास स्थल पर संपन्न हुआ।
धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक उत्साह का संगम
सरहुल जुलूस में बड़ी संख्या में महिला-पुरुष, युवा, बुजुर्ग और बच्चे शामिल हुए, जो पारंपरिक वेशभूषा में ढोल-नगाड़ों की धुन पर थिरकते नजर आए। रास्तेभर विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों ने श्रद्धालुओं का शरबत और मीठे पेयजल से स्वागत किया।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था और प्रशासन की चौकसी
गुमला के उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी और पुलिस अधीक्षक शंभू कुमार सिंह के निर्देश पर प्रमुख चौक-चौराहों पर मजिस्ट्रेट और सशस्त्र (महिला-पुरुष) पुलिस बल की तैनाती की गई थी, ताकि शांति और सौहार्द का माहौल बना रहे।
सरहुल महोत्सव के इस उल्लासमय आयोजन ने पूरे गुमला को धार्मिक आस्था और सांस्कृतिक गौरव से सराबोर कर दिया।
न्यूज़ – गनपत लाल चौरसिया