गुमला अनुमंडल पदाधिकारी की अध्यक्षता में गुरुवार को एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य जिले में निषिद्ध मादक पदार्थों के बढ़ते दुरुपयोग की रोकथाम को लेकर कारगर रणनीति बनाना था। बैठक में शहरी क्षेत्र के सभी सरकारी, निजी और अनुदान प्राप्त विद्यालयों के प्राचार्य, प्रतिनिधि तथा समाज के प्रबुद्ध नागरिकों ने भाग लिया।
शिक्षा संस्थानों और पुलिस की भूमिका पर जोर
बैठक में भाग लेने वालों ने सुझाव दिया कि मादक पदार्थों की अवैध बिक्री के संभावित स्थानों की पहचान कर सघन छापेमारी की जाए। अनुमंडल पदाधिकारी ने इस दिशा में सभी थाना प्रभारियों और संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
विद्यालयों में जागरूकता अभियान चलाने की मांग
बैठक में उपस्थित शिक्षकों और अधिकारियों ने सुझाव दिया कि युवाओं को मादक पदार्थों से दूर रखने के लिए विद्यालयों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए जाएं। इसके अलावा, आम जनता को भी नशे से होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी देने हेतु समुदाय स्तर पर अभियान चलाने की बात कही गई।
स्वास्थ्य और प्रशासनिक विभागों की मौजूदगी
इस महत्वपूर्ण बैठक में जिले के स्वास्थ्य एवं प्रशासनिक विभागों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इनमें अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, अंचल अधिकारी, थाना प्रभारी, उत्पाद अधीक्षक, औषधि निरीक्षक, खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी, जिला टोबैको परामर्शी सहित विभिन्न शिक्षण संस्थानों के प्रमुख शामिल थे।
समाज के सहयोग से ही संभव है नशा मुक्त गुमला
बैठक में यह स्पष्ट किया गया कि मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई केवल प्रशासन की नहीं, बल्कि पूरे समाज की जिम्मेदारी है। युवाओं को जागरूक करने, अवैध कारोबार पर नकेल कसने और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों से लोगों को सचेत करने के लिए प्रशासनिक, शैक्षणिक और सामाजिक स्तर पर मिलकर कार्य करना होगा।
गुमला प्रशासन द्वारा आयोजित यह बैठक मादक पदार्थों के खिलाफ चल रही मुहिम को एक नई दिशा देने वाली साबित हुई। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में गुमला जिला नशा मुक्त समाज की ओर सशक्त कदम बढ़ाएगा।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया