गुमला, 29 अप्रैल 2025 — गुमला जिले में पीएलएफआई के नाम पर व्यापारियों से लेवी मांगने और दहशत फैलाने की साजिश रच रहे तीन शातिर अपराधियों को पुलिस ने धर दबोचा है। अपराधियों की योजना जिला मुख्यालय में फायरिंग कर भय का माहौल बनाने की थी, जिसे पुलिस ने समय रहते विफल कर दिया।
क्या है पूरा मामला?
गुमला पुलिस अधीक्षक शंभू कुमार सिंह ने एसडीपीओ कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 18 अप्रैल को एक व्यापारी ने पीएलएफआई के नाम से लेवी मांगने की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने स्वयं संज्ञान लेते हुए एसडीपीओ सुरेश प्रसाद यादव के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया।
गिरफ्तार आरोपी और उनका आपराधिक इतिहास
पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया:
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तस्लीम अंसारी (निवासी: नगड़ी, रांची) – वर्ष 2012 में भी व्यापारियों से लेवी मांगने के आरोप में गुमला जेल जा चुका है।
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जावेद अंसारी (पिता: सलीम अंसारी) – पूर्व में आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त।
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मोहम्मद जावेद (निवासी: इटकी, पिता: खालिद) – डकैती और रंगदारी के मामलों में पूर्व में जेल जा चुका है, वर्तमान में जमानत पर बाहर था।
अवैध हथियार और अन्य बरामदगी
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने इन अपराधियों के पास से निम्नलिखित सामग्री जब्त की:
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एक देसी कट्टा
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315 बोर के तीन जिंदा कारतूस
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12 बोर की एक जिंदा गोली
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एक ग्लैमर मोटरसाइकिल
पूछताछ के दौरान तीनों आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे पीएलएफआई के नाम पर व्यापारियों से पैसे वसूलने और फायरिंग कर दहशत फैलाने की योजना बना रहे थे।
सटीक पुलिस कार्रवाई और टीम का नेतृत्व
एसपी शंभू कुमार सिंह ने बताया कि एसडीपीओ सुरेश यादव के नेतृत्व में गठित SIT में पुलिस अवर निरीक्षक शरद कुमार, सहायक अवर निरीक्षक तरुण कुमार, जहांगीर खान और शस्त्र पुलिस बल के जवान शामिल थे। इस टीम ने सतर्कता और रणनीति के साथ छापेमारी कर तीनों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया।
प्रशासन की सतर्कता ने टाली बड़ी वारदात
गिरफ्तारी के साथ ही एक संभावित फायरिंग और दहशत फैलाने की साजिश को पुलिस ने विफल कर दिया। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जिले में अपराध नियंत्रण और व्यापारियों की सुरक्षा के लिए सतत निगरानी रखी जा रही है।
न्यूज़ – गणपत लाल चौरसिया