2 मई 2025 — Vinoba Bhave विश्वविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग में आज “भारतीय ज्ञान परंपरा और बहुभाषावाद” विषय पर चांसलर लेक्चर सीरीज़ की शुरुआत हुई। इस शैक्षणिक आयोजन की अध्यक्षता विभाग निदेशक डॉ. कृष्णा कुमार गुप्ता ने की, वहीं मुख्य वक्ता के रूप में प्रो. रामकुमार नायक, डीन, स्कूल ऑफ एजुकेशन, नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय, जमशेदपुर, और प्रखर विद्वान प्रो. सरमद जमाल, प्राचार्य, मगध कॉलेज ऑफ एजुकेशन, गया ने अपने विचार प्रस्तुत किए।
प्रो. नायक ने अपने संबोधन में भारतीय शैक्षिक परंपरा की विविधताओं और भाषिक समृद्धि की ओर ध्यान आकृष्ट कराया, जबकि प्रो. जमाल ने शिक्षा में बहुभाषावाद की भूमिका और उसकी वर्तमान प्रासंगिकता पर गहन विवेचना की। दोनों वक्ताओं ने भारतीय ज्ञान परंपरा की वैश्विक उपयोगिता और मूल्य को रेखांकित करते हुए इसे शिक्षा प्रणाली में पुनः सशक्त रूप से समाविष्ट करने की आवश्यकता जताई।
कार्यक्रम की विषय प्रस्तावना विभाग के वरिष्ठ शिक्षक प्रो. मृत्युंजय प्रसाद द्वारा प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर विभाग के समस्त प्राध्यापक, जैसे डॉ. अमिता कुमारी, डॉ. रजनीश कुमार, डॉ. विनीता, सुश्री शालिनी अवधिया, डॉ. कुमारी भारती तथा डॉ. चौधरी प्रेम प्रकाश उपस्थित रहे और सत्र को गरिमामयी बनाया।
विनीता बांकिरा द्वारा कार्यक्रम का संचालन कुशलतापूर्वक किया गया, जबकि विभागाध्यक्ष डॉ. तनवीर यूनुस ने आभार व्यक्त कर समापन किया। इस व्याख्यानमाला की सफलता में M.Ed सत्र 2023-25 के प्रशिक्षुओं का सहयोग विशेष रूप से सराहनीय रहा।
यह आयोजन शिक्षाविदों और विद्यार्थियों के लिए न केवल बौद्धिक समृद्धि का अवसर बना, बल्कि भारतीय शिक्षण दृष्टिकोण में भाषिक विविधता के महत्व को पुनः स्थापित करने का मंच भी प्रदान किया।
News – Vijay Chaudhary