न्यूज़ रिपोर्ट: गिरिडीह जिले के जमुआ प्रखंड अंतर्गत बदड़िहा-1 पंचायत की एक अहम ग्रामीण सड़क इस समय लोगों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है। सलैया, सिकदारडीह और तुलसीडीह गांवों को जोड़ने वाली यह मुख्य मार्ग बारिश के बाद दलदल में तब्दील हो जाती है। जगह-जगह गड्ढे और उन गड्ढों में भरे हुए पानी ने इस सड़क को पूरी तरह से जर्जर बना दिया है।
यह मार्ग तीन गांवों के सैकड़ों लोगों के जीवन का अहम हिस्सा है। इसी रास्ते से किसान अपने खेतों तक पहुंचते हैं, महिलाएं बाजार जाती हैं और स्कूली बच्चे रोजाना शिक्षा के लिए निकलते हैं। लेकिन जैसे ही बारिश होती है, यह सड़क एक कीचड़भरे रास्ते में बदल जाती है जहाँ पैदल चलना तक दूभर हो जाता है।
स्कूली बच्चों के लिए यह सड़क बनी चुनौती
सबसे ज्यादा परेशानी स्कूली बच्चों को होती है। कपड़े और किताबें गंदे हो जाते हैं। कई बार बच्चे फिसल जाते हैं, कीचड़ में गिरते हैं और किताबें-यूनीफॉर्म सब गंदे हो जाते हैं। परिजन भी चिंतित हैं कि पढ़ाई और सुरक्षा के बीच उन्हें क्या चुना जाए। अभिभावक अपने बच्चों को इस रास्ते से भेजने से डरते हैं, लेकिन दूसरा कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं होने की वजह से मजबूरी में यही रास्ता अपनाना पड़ता है।
जनप्रतिनिधि कौन हैं?
मुखिया: आशुतोष प्रसाद वर्मा
जिला परिषद सदस्य: कुमारी प्रभा वर्मा
विधायक: डॉ. मंजू कुमारी
तीनों जनप्रतिनिधियों तक ग्रामीणों ने अपनी बात कई बार पहुंचाई, लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है। लोगों में नाराज़गी है कि आखिर उनकी ज़रूरतों को गंभीरता से क्यों नहीं लिया जा रहा।
स्थानीय मुखिया पर उठे सवाल…
इस क्षेत्र के मुखिया आशुतोष प्रसाद वर्मा हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने कई बार इस सड़क की समस्या की जानकारी दी, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। शिकायतें जिला स्तर तक भी पहुंची हैं, मगर परिणाम शून्य है।
स्थानीय निवासियों की पीड़ा
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि यह कोई पहली बार नहीं है। हर साल बरसात के मौसम में यही हाल होता है। रोड के दोनों ओर नालियों का अभाव है, जिससे पानी बहने के बजाय सड़क पर ही जमा हो जाता है। कीचड़ में फँसी साइकिलें, गाड़ियों के फिसलते पहिए और गिरते बच्चे अब आम दृश्य बन गए हैं।
प्रशासन से मांग
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस सड़क की मरम्मत कराई जाए। साथ ही यह भी अपील की गई है कि जलनिकासी की व्यवस्था की जाए ताकि भविष्य में ऐसी परेशानी से बचा जा सके।
क्या यही है “सबका साथ, सबका विकास” का सच? अगर आप भी इस समस्या से जुड़ाव रखते हैं, या प्रशासन को जगाना चाहते हैं, तो इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें। आपकी एक आवाज़ कई लोगों की परेशानी खत्म कर सकती है।
रिपोर्ट:- नवीन शर्मा