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Sunday, June 15, 2025
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 ‘पेरेंटिंग मंथ’ के सफल आयोजन को लेकर राज्य स्तरीय वेबिनार आयोजित

✦ सभी जिलों के समग्र शिक्षा पदाधिकारियों को दिशा निर्देशों की दी गयी जानकारी

✦ दिनांक 16 जून, 2025 से दिनांक 28 जून, 2025 तक स्कूल स्तर पर मनाया जाना है पेरेंटिंग मंथ

✦ अगले वर्ष से स्कूल रुआर अभियान की तर्ज पर पूरे महीने मनाया जाएगा पेरेंटिंग मंथ कार्यक्रम – श्रीमती ममता लकड़ा

✦ स्कूल स्तर पर बनाये अभिभावकों का व्हाट्सप्प ग्रुप, 28 जून को ‘पेरेंटिंग पर्व’ के साथ करे पीटीएम – श्रीमती ममता लकड़ा

✦ पेरेंटिंग मंथ सिर्फ एक माह का आयोजन नहीं, बल्कि सकारात्मक और सतत् आदत निर्माण की दिशा में बड़ा कदम : डॉ. अविनव कुमार

झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से झारखंड में दिनांक 16 जून, 2025 से दिनांक 28 जून, 2025 तक आयोजित होने वाले ‘पेरेंटिंग मंथ’ के संबंध में आज विस्तृत वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी श्रीमती ममता लकड़ा, गुणवत्त शिक्षा के राज्य कार्यक्रम कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अविनव कुमार, यूनिसेफ की एजुकेशन स्पेशलिस्ट श्रीमती जोशीला पल्लपति, स्टेट कंसलटेंट श्री संजीव तिवारी, श्री विजय कुमार समेत सभी जिलों के समग्र शिक्षा के पदाधिकारी शामिल हुए।

वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी श्रीमती ममता लकड़ा ने कहा कि अभिभावक दैनिक कार्यो के अतिरिक्त बच्चो को समय दे, उनसे संवाद करे। उन्होंने कहा कि अगले वर्ष से स्कूल रुआर कार्यक्रम की तर्ज पर पेरेंटिंग मंथ को भी पूरे महीने मनाया जायेगा और इसके क्रियान्वयन की निरंतर निगरानी होगी। श्रीमती ममता लकड़ा ने कहा कि इस अभियान का मूल उद्देश्य अभिभावकों को बच्चों की शिक्षा, सामाजिक और भावनात्मक विकास से जोड़ते हुए सकारात्मक पालन-पोषण को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि जिला स्तर पर विद्यालय आधारित अभिभावक व्हाट्सऐप ग्रुप बनाए जाएं और उनमें पेरेंटिंग से संबंधित प्रेरक वीडियो और सामग्री नियमित रूप से साझा की जाए।

पेरेंटिंग मंथ सिर्फ एक माह का आयोजन नहीं, बल्कि सकारात्मक और सतत् आदत निर्माण की दिशा में बड़ा कदम : डॉ. अविनव कुमार

वेबिनार को संबोधित करते हुए गुणवत्त शिक्षा के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. अविनव कुमार ने कहा कि पेरेंटिंग मंथ अभियान का उद्देश्य सिर्फ एक माह का आयोजन नहीं, बल्कि एक सकारात्मक और सतत् आदत निर्माण की दिशा में बड़ा कदम है। इस अभियान के माध्यम से अभिभावकों में ऐसी आदतें विकसित की जा रही हैं, जिससे वे बच्चों के सर्वांगीण विकास में सक्रिय भूमिका निभा सकें। बच्चे अपने माता-पिता और आसपास के वातावरण से निरंतर अनुभव ग्रहण करते हैं। वे सिर्फ स्कूल में ही नहीं, बल्कि घर और समाज से भी बहुत कुछ सीखते हैं।

श्री अविनव कुमार ने कहा कि कक्षा के बाहर बच्चों की शिक्षा पर भी उतना ही ध्यान देना ज़रूरी है जितना कि स्कूल में दी जाने वाली पढ़ाई पर। इसी सोच के साथ यूनिसेफ और रूम टू रीड ने मिलकर ‘पैरेंटल कैलेंडर’ तैयार किया है, जिसमें अभिभावकों और बच्चों के बीच संवाद बढ़ाने वाली दिन-प्रतिदिन की रोचक गतिविधियाँ दी गई हैं। इससे बच्चों की जिज्ञासा बनी रहती है और वे सीखने के प्रति अधिक उत्साहित रहते हैं। उन्होंने कहा कि पेरेंटिंग मंथ एक मुहिम के रूप में मनाया जा रहा है, लेकिन इसकी निरंतरता अत्यंत आवश्यक है। यह विषय केवल एक महीने तक सीमित न रहे, बल्कि हर पैरेंट-टीचर मीटिंग (PTM) में इसपर चर्चा हो, ताकि इस सोच को और गहराई मिले। विशेष रूप से प्रारंभिक कक्षाओं में अनुभव आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में यह एक मजबूत कदम साबित हो सकता है।

सिर्फ रोटी, कपड़ा और मकान दे देना ही पेरेंटिंग नहीं है, बच्चो से संवाद करे – जोशीला पल्लपति

वेबिनार को संबोधित करते हुए यूनिसेफ की एजुकेशन स्पेशलिस्ट जोशीला पल्लपति ने कहा कि माता-पिता की भूमिका बच्चों के जीवन में सबसे अहम होती है, लेकिन दुर्भाग्यवश कई बार इसे उतनी गंभीरता से नहीं लिया जाता जितनी आवश्यकता होती है। सिर्फ रोटी, कपड़ा और मकान की व्यवस्था कर देना ही पेरेंटिंग नहीं है, इससे कहीं अधिक ज़रूरी है बच्चों से संवाद करना, उनके साथ अनुभव साझा करना। यह न केवल उन्हें समझने का मौका देता है, बल्कि उनके सामाजिक और भावनात्मक विकास में भी बड़ी भूमिका निभाता है। हर बच्चे का पारिवारिक माहौल एक जैसा नहीं होता। कई बच्चे ऐसे होते हैं जिनकी पारिवारिक परिस्थितियाँ अनुकूल नहीं होतीं। ऐसे बच्चों को पहचानकर, उन्हें सहयोग देना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है।

पेरेंटिंग मंथ के सफल आयोजन के लिए दी गयी कार्यक्रमों एवं गतिविधियों की जानकारी

वेबिनार के दौरान सभी जिलों के पदाधिकारियों को झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद द्वारा विद्यालय स्तर पर ‘पेरेंटिंग मंथ’ के सफल आयोजन हेतु जारी दिशा-निर्देशों की विस्तृत जानकारी दी गई। इन दिशा-निर्देशों में विद्यालय स्तर पर पेरेंटिंग से संबंधित गतिविधियों की योजना, क्रियान्वयन, अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित करने के उपाय, और मॉनिटरिंग की रूपरेखा स्पष्ट रूप से उल्लेखित है। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यूनिसेफ से श्री संजीव तिवारी और श्री विजय कुमार ने पेरेंटिंग मंथ के अंतर्गत प्रस्तावित दिवसवार गतिविधियों, पेरेंटल कैलेंडर, संवाद आधारित अभ्यास, और बच्चों के सामाजिक-भावनात्मक विकास में अभिभावकों की भूमिका को सशक्त बनाने के लिए की जा रही पहलों की विस्तारपूर्वक जानकारी साझा की।

16 जून से शुरू होंगी विद्यालयस्तर पर गतिविधियां, 28 जून को पेरेंटिंग पर्व

ग्रीष्मावकाश के कारण राज्य के सभी विद्यालयों में दिनांक 16 जून, 2025 से पेरेंटिंग मंथ की गतिविधियां शुरू होंगी। 12 दिवसीय गतिविधियों में कई रोचक और पाठ्येत्तर गतिविधियों का स्कूल स्तर पर आयोजन किया जाएगा। पेरेंटिंग मंथ का समापन दिनांक 28 जून, 2025 को स्कूल स्तर पर ‘पेरेंटिंग पर्व’ के रूप में होगा। इस दिन विद्यालयों में अभिभावक सम्मान समारोह सह शिक्षक अभिभावक बैठक एक साथ आयोजित किया जायेगा।

News Desk

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