गिरिडीह – आज के दौर में यह कहावत बिल्कुल चरितार्थ हो रही है कि जब भगवान खुद से कार्य नहीं करते तो वे कुछ नेक दिल इंसानों में यह गुण एक उपहार की भांति दे देते हैं और वह गुण है मानवता की सच्ची लगन से सेवा। न फल की चिंता न किसी प्रकार का डर।
इसी कड़ी में झारखंड राज्य के एक छोटे से शहर गिरिडीह के निवासी बिजय सिंह जी। बिजय सिंह जी ने इस कोरोना के दूसरे लहर में जो सामाजिक कार्य किया उसके लिए उनकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है। सबसे पहले जहाँ कोरोना के नाम से ही एक आम आदमी के दिल और दिमाग मे सिहरन दौड़ जाती है वहीं हमारे नेक दिल बिजय सिंह जी अपने सारे जरूरी कार्यों को छोड़कर कोरोना ग्रषित परिवार या उस व्यक्ति की सेवा में निकल पड़ते हैं। अभी हाल ही में शहर के सबसे चर्चित खबर जिसमें जाने माने अधिवक्ता स्व. श्री मुकेश सिन्हा जी जिनकी असामायिक मृत्यु कोरोना संक्रमण से हो गई थी, इस संकट की घड़ी में उनका सारा परिवार भी कोरोना से ग्रषित हो गया था , उनके शव के अंतिम संस्कार की विकट समस्या उत्पन्न हो गई तब इस संकट की घड़ी में बिजय सिंह जी ने मानवता का परिचय देते हुए अपने एक और मित्र अविनाश जी के साथ शव का सम्मान पूर्वक अंतिम संस्कार कराया। फिर क्या था उन्होंने तब ही से यह प्रण लिया कि जब तक यह कोरोना संकट काल है तब तक वह लोगों की निःस्वार्थ भाव से सेवा करते रहेंगे। बिजय सिंह जी का कहना है कि सुबह से लेकर रात्रि के किसी भी पहर में उनके मोबाइल पर जब भी संदेश प्राप्त होता है चाहे वो ऑक्सीजन सिलिंडर हो या खाना या जीवनरक्षक दवा मदद शीघ्र से शीघ्र मरीज तक पहुँचा दी जाती है। गिरिडीह शहर के सबसे प्रतिष्ठित संस्थान सुभाष ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन के निदेशक बिजय सिंह जी के अंदर सेवा-भाव कूट-कूट कर भरा हुआ है। ऐसा नहीं है कि सिर्फ इस बार के कोरोना संकट काल में वे मदद कर रहे हैं पिछले वर्ष में जब पहली बार कोरोना संक्रमण का पता चला था उस समय भी उनके मन को कोई डिगा नहीं पाया और लगातार अपने सीमित संसाधनों के मदद से लोगों की सेवा करते रहे।
आपातकालीन सेवाओं के अलावे बिजय सिंह जी शहर के कोरोना संक्रमित मरीजों के यहाँ दिन भर
खाना पहुंचाने की जिम्मेदारी ली है। प्रतिदिन लगभग 75 से 100 कोरोना मरीजों को इनकी टीम के द्वारा खाना पहुंचाया जाता है।
बिजय सिंह जी की एक और अनूठी पहल है “प्यार बांटते चलो”। यह एक मुहिम है जिसमें बिजय सिंह जी और उनके कुछ दोस्तों के द्वारा यह मुहिम चलाई गई है जिसमें कोई भी गरीब भूखा न सोये। इसी मुहिम के अंतर्गत आज भी असहाय लोगों को मुफ्त भोजन, जीवनरक्षक दवाइयां, ऑक्सिजन सिलिंडर इत्यादि मुहैया कराया जा रहा है। इनका यह कार्यक्रम सालों भर चलता रहता है। इस कलियुगी स्वार्थी समाज में जहाँ लोग सामान्य दिनों में मदद करने से कतराते हैं वहाँ बिजय सिंह सर निःस्वार्थ भाव से लोगों की सेवा में तत्पर रहते हैं।
जबसे कोरोना संक्रमण के कारण मृत्यु दर में वृध्दि हुई है प्रतिदिन किसी न किसी परिवार में मृतक के शव का अंतिम संस्कार कराने का कार्य भी बिजय सिंह जी कर रहे हैं। जो काम आज के समय में जिला प्रशासन को करनी चाहिये वही काम बिजय सिंह जी अकेले कर रहे हैं।
बिजय सिंह सर की जितनी भी प्रशंसा की जाए उतनी कम है। हमारा समाज सदैव उनके द्वारा राहत कार्यों और निःस्वार्थ भाव से किये गए कार्यों का सदैव ऋणी रहेगा। बिजय सिंह जी और उनकी पूरी टीम को प्रणाम और आभार !!!!