गिरिडीह: उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा के निर्देश पर बुधवार को फलों को प्रतिबंधित कार्बोराइट रसायन से पकाने की अशंका के मद्देनजर खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने शहर के विभिन्न फल दुकान, गोदाम एवं राइपेनिंग चैम्बर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के क्रम में फलों को पकाये जाने वाली विधियों एवं उसमें उपयोग लाये जाने वाले रासायनिक तत्वों की जांच की गयी। जांच के क्रम में गोदाम एवं दुकान में कार्बराईट रसायन नहीं पाया गया एवं व्यवसायियों के द्वारा राइपेनिंग चैम्बर से पके हुए फलों के व्यवसाय करने की बात कही गयी। खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी ने फल व्यवसायों को खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण से प्राप्त निबंधन एवं अनुज्ञप्ति के साथ ही किसी भी प्रकार के खाद्य व्यवसाय करने का निर्देश दिया गया।
फलों को पकाने के लिए विषैले तत्व से सावधान रहें
बताया गया कि आर्सेनिक एवं फास्फोरस नामक विषैले तत्व पाये जाने के कारण 2016 से ही खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण नई दिल्ली के द्वारा फलों को पकाने के लिए उपयोग में लाये जाने वाले कार्बोराईट को प्रतिबंधित कर दिया गया है। चूंकि कुछ फल पकने के बाद जल्दी ही नष्ट होने लगते हैं, वैसे फलों को व्यवसायी कच्चे ही परिवहन करते हैं एवं फिर उसे पका कर विक्रय करते हैं। वैसे फल जैसे आम, पपीता एवं केला को पकाने के लिए कृत्रिम, राईपेनिंग तत्व का उपयोग किया जा सकता है। इथिलिन गैस नामक रसायनों का उपयोग कर राईपेनिंग चैम्बर में सुरक्षित रूप से फलों को पकाया जा सकता है। किन्तु ध्यान रहे कि किसी भी प्रकार के पकाने वाले रसायन फलों के सीधे सम्पर्क में न आ पाये।
विक्रेताओं को आवश्यक निर्देश दिये गये
जांच के क्रम में हुट्टी बाजार में अवस्थित हटिया में विभिन्न थोक विक्रेताओं, बड़ा चौक, टावर चौक, भण्डारीडीह, मकतपुर एवं बरगण्डा के खुदरा विक्रेताओं तथा बलखन्जो स्थित राईपेनिंग चैम्बर का निरीक्षण किया गया एवं विक्रेताओं को आवश्यक निर्देश दिये गये। साथ ही भविष्य में अगर किसी के प्रतिष्ठान में कार्बोराइट पाया जाता है तो खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के सुसंगत धाराओं के अनुरूप कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गयी।