नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी भले गुजरात हार गई हो, पर इस हार से भी आप के खेमे में खुशी की लहर है. इस खुशी का इजहार आप ने किस तरह से किया है उसकी एक बानगी देखिए. आप ने अपने दिल्ली कार्यालय की छत पर एक बड़ा-सा बोर्ड टांग दिया है। उस पर लिखा है- AAP के राष्ट्रीय पार्टी बनने पर सभी देशवासियों को बधाई। दरअसल, एक छोटी ने जिस तेजी से राजनीतिक क्षितिज को छू लिया है, इसके लिए भाजपा को दशकों लग गए थे. लेकिन आप पार्टी ने मात्र 8-10 साल के अंदर ऐसा धमाल मचाया कि अब उसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा हासिल हो जाएगा. दिल्ली और पंजाब में बड़ी जीत हासिल करने के बाद आप पार्टी राष्ट्रीय पार्टी बनने की ओर तेजी से बढ़ चुकी है। पिछले कई राज्यों के चुनाव में आम आदमी पार्टी ने इसके लिए कोशिश भी की। हालांकि, तब सफलता हासिल नहीं हो सकी थी। गुजरात में पांच सीटों पर जीत हासिल कर करने के बाद उसे करीब 15 फीसदी वोट मिले हैं। अब आप ‘राष्ट्रीय राजनीतिक दल’ बनने की अहर्ता पूरी कर लेगी. आप ने पंजाब विधानसभा में कांग्रेस का सफाया करने के बाद ही राष्ट्रीय दल बनने की ओर अग्रसर था. गोवा विधानसभा चुनाव में भी कुल वोट का 6.8 फीसदी हिस्सा आप पार्टी को मिला था। यहां आप के दो प्रत्याशियों की जीत हुई थी। अगस्त महीने में ही चुनाव आयोग की घोषणा के मुताबिक आप गोवा में भी एक मान्यता प्राप्त पार्टी बन गई है। अब केजरीवाल की पार्टी को गुजरात में भी मान्यता मिल जाएगी।
9वां राष्ट्रीय दल की सूची में शामिल होगी आप…!
राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा पाने के लिए कुछ शर्ते होती हैं। इन शर्तों को पूरा करने पर कोई भी पार्टी राष्ट्रीय हो सकती है। आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के बाद पंजाब में काफी शानदार प्रदर्शन किया है। अब गुजरात में भी आप को छह सीटें मिल गईं। ऐसे में आप ने उन शर्तों को पूरा कर लिया है।’ आप अब 9वीं पार्टी के रूप में शामिल होगा. जीत-हार और सरकार बनाने या मुख्य विपक्षी दल बनने की होड़ के इतर आप के पास इन दो राज्यों के चुनावों से एक बड़ी उपलब्धि हासिल करने का मौका मिला है। अभी भाजपा, कांग्रेस, भाकपा, माकपा, टीएमसी, बसपा, एनसीपी और राष्ट्रीय पीपुल्स पार्टी. यानी कुल आठ दलों को राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा मिला हुआ है। एनपीपी को पूर्वोत्तर के चार राज्यों में ‘प्रादेशिक राजनीतिक दल’ का दर्जा हासिल होने के कारण 2019 में राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा दिया गया। तब से अब तक राष्ट्रीय दलों की लिस्ट में कोई बदलाव नहीं आया है। अब गुजरात चुनाव परिणाम के बाद 9वां दल बन कर चुनाव आयोग की सूची में अपना नाम दर्ज कराएगी.
गुजरात ने हमें राष्ट्रीय दल बनने का गौरव दिया: संजय सिंह
आप पार्टी के राज्यसभा सदस्य और फायर ब्रांड नेता संजय सिंह ने गुजरात की जनता को बधाई देते हुए कहा कि हमारी पार्टी को गुजरात ने राष्ट्रीय दल बनने का काम किया है। चुनाव का जो परिणाम आया है, वह लगभग 15 प्रतिशत का वोट है. उन्होंने माना कि चूंकि गुजरात में पिछले 27 साल से वहां भाजपा सत्तारूढ़ है. लेकिन हमारी पार्टी ने भाजपा के दिग्गजों के पसीने छुड़ा दिए. इसके कारण भाजपा को काफी मशक्कत करनी पड़ी. प्रधानमंत्री जैसे पद का दुरुपयोग कर मोदी जी को दिल्ली छोड़ गुजरात में डेरा डालना पड़ा. इसलिए गुजरात के गढ़ को भेदना आसान नहीं था. लेकिन हमारी पार्टी ने गुजरात में अपने पैर जमाने की कोशिश की और उसमें हम सफल भी हुए. उन्होंने कहा कि ये हमारे लिए ऐतिहासिक बात है कि राष्ट्रीय दल बनने में गुजरात ने अहम भूमिका निभाई.
कैसे होता है राष्ट्रीय दल का दर्जा प्राप्त?
दरअसल, राष्ट्रीय दल का दर्जा मिलना किसी पार्टी के लिए बड़ा स्टेटस सिंबल तो होता ही है, कई बड़े फायदे भी मिलते हैं। राष्ट्रीय दल का दर्जा मिलते ही पार्टी को अपना आरक्षित चुनाव चिह्न मिल जाता है जिसका इस्तेमाल उसके देशभर के उम्मीदवार कर सकते हैं। यह इसलिए बहुत जरूरी है कि भारतीय मतदाताओं की बड़ी संख्या अशिक्षित है, जिस कारण वो चुनाव चिह्न को देखकर ही वोट देते हैं। इसके साथ ही, राष्ट्रीय दलों को लोकसभा चुनाव के दौरान सरकारी टेलीविजन दूरदर्शन और सरकारी रेडियो ऑल इंडिया रेडियो पर चुनाव प्रचार का स्लॉट दिया जाता है। राष्ट्रीय दल के अध्यक्ष को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक सरकारी बंगला आवंटित होता है। साथ ही, सस्ते दर पर पार्टी दफ्तर की जगह उपलब्ध करायी जाती है।