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Friday, November 22, 2024
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HomeLocal NewsGiridihश्री शाकम्भरी जंयती पर देवी का सजा भव्य दरबार, हुए विविध कार्यक्रम

श्री शाकम्भरी जंयती पर देवी का सजा भव्य दरबार, हुए विविध कार्यक्रम

गिरिडीह: वनस्पति की देवी माता शाकम्भरी की जंयती के पावन अवसर पर शुक्रवार को श्री शाकम्भरी सेवा समिति, गिरिडीह के तत्वावधान माता शाकम्भरी देवी का प्राकट्य महोत्सव विविध धार्मिक कार्यक्रमों के साथ मनाया गया। श्री श्याम मंदिर भवन में आयोजित माता ब्रम्हाणी – रुद्राणी का भव्य श्रृंगार कर दरबार सजाया गया। इस दौरान संगीतमय मंगलपाठ में सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरूषों ने भाग लिया।  मंगलपाठ के अलावा चुनरी उत्सव, मेंहदी उत्सव, कन्याभोजन , महाआरती एवं भंडारे का आयोजन किया गया।

शाकम्भरी परिवार के सदस्यों का रहा सराहनीय योगदान

इस अवसर पर माता के भक्तों ने सपरिवार जोत में आहुति देकर माता रानी से अपने परिवार में सुख, समृद्धि, शांति की कामना की। देर शाम तक चले धार्मिक कार्यक्रम को सफल बनाने में शाकम्भरी परिवार के सुरेश छापरिया, विनोद खडेंलवाल, दीपक चिरानिया, सुरेन्द्र छापरिया, विनय अग्रवाल, अरुण लाडिया, संजीत मरोडिया, अमित छापरिया, विनोद अग्रवाल, संजय डंगैच, रिषभ छापरिया समेत शाकम्भरी परिवार के अन्य सदस्यों का सराहनीय योगदान रहा।

लंगटा बाबा की समाधि पर हजारों भक्तों ने चादरपोशी,

सभी धर्मों के लोग मांगने आते हैं अपनी मुरादें

गिरिडीह: जीव समता के साधक लंगटा बाबा समाधि दिवस पौष पूर्णिमा के मौके गिरिडीह के खरगडीहा में शुक्रवार को देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए भक्तों ने बाबा की समाधि पर चादरपोशी कर मत्था टेका।  लंगेश्वरी बाबा मेला में झारखंड समेत कई राज्यों के भक्तों की भीड़  जुटी। जिसमें बिहार, बंगाल, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों के लोग शामिल थे। परंपरा के अनुसार मजार पर जमुआ थाना प्रभारी पप्पू कुमार ने अहले सुबह पौ फटने से पहले चादरपोशी कर मेले की शुरुआत की।

हिंदू-मुस्लिम समुदाय के लोग करते हैं सजदा

पूरे उत्तर भारत में प्रसिद्ध लंगेश्वरी बाबा के नाम से माने जानेवाले जमुआ के खरगडीहा में लंगेश्वरी बाबा मेला एक तरफ हिंदू समुदाय की भीड़ उमड़ी थी, तो दूसरी तरफ मुस्लिम समुदाय के लोगों की भीड़ भी इस दौरान मेले में दिखाई पडी। अहले सुबह से ही भक्त चादर चढ़ाते हैं और अपनी मन्नत मांगते हैं. इसके अलावा जिनकी मन्नतें पूरी हो जाती हैं, वे भी यहां चादरपोशी करते हैं. यहां के लिए खास बात ये है कि यहां सभी धर्मों के लोग आते हैं और समाधिस्थल में पूजा-अर्चना करते हैं. अभी मेला दो दिन और चलेगा.

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