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Tuesday, September 17, 2024
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खतियानी जोहार यात्रा के बहाने सीएम ने कोडरमा में झामुमो प्रत्याशी के लिए रास्ता बनाया…!

गिरिडीह (कमलनयन) झारखंड खतियानी जोहार यात्रा के दूसरे चरण में कोडरमा-गिरिडीह पहुंचे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने दो दिवसीय प्रवास में शासन और सियासत दोनों को साध गये. 18 जनवरी की गिरिडीह की जोहार रैली में आक्रामक अंदाज में सीएम ने केन्द्र सरकार पर हमला बोला और अपनी सरकार की उपलब्धियां गिनाई और जनता के काम को प्रमुखता देने के मकसद से बीडीओ-सीओ पर कार्रवाई भी की. गिरिडीह-कोडरमा की समीक्षा बैठक में उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि अधिकारियों को जनता का काम करना होगा. कोई हीला-हवाली बर्दाश्त नहीं की जाएगी. संदेश साफ है कि सरकार वर्ष 2023-24 तक राज्य का समग्र विकास कर झारखंड को देश के विकसित राज्य की श्रेणी में लाने की पक्षधर है। सीएम ने झामुमो के लिए कोडरमा में लोकसभा चुनाव की जमीन भी तलाशने की कोशिश की है. वहीं ढिबरा उद्योग के पुनर्रुद्धार की योजना को अमल में लाने की बात कहकर सीएम ने कोडरमा की सांसद अन्नपूर्णा देवी को बैकफुट पर ला दिया है.

अधिकारियों को काम करने की नसीहत

कड़ाके की ठंड के बीच 17 जनवरी की देर शाम सीएम हेमंत सोरेन का काफिला 105 किलोमीटर सड़क मार्ग के रास्ते से कोडरमा से गिरिडीह पहुंचा था। इस दौरान कोडरमा संसदीय क्षेत्र के चार विधानसभा क्षेत्र क्रमशः कोडरमा, धनवार, जमुआ और गाण्डेय होते हुए सीएम जिला मुख्यालय पहुंचे थे। भ्रमण के क्रम में सीएम ने रास्ते में रुक-रूक कर कई स्थानों पर सरकारी संस्थानों का निरीक्षण किया. इस क्रम में आधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये। इसके अलावा क्षेत्र के लोगों का हालचाल जाना. इस बीच सीएम सोरेन की गिरिडीह-कोडरमा जोहार यात्रा को लेकर सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. राजनीतिक हलकों में जोहार यात्रा को 2024 आमचुनाव के परिप्रेक्ष्य में देखा जा रहा है।

कोडरमा में सियासी जमीन की तलाश शुरू

चर्चा है कि राज्य में सतारूढ़ झामुमो, कोडरमा लोकसभा सीट की सियासी जमीन का आकलन करने एंव गिरिडीह सीट के कमजोर कुछेक क्षेत्रों को मजबूत करने में जुटी है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक झामुमो 2024 के संसदीय चुनाव में गठबंधन के तहत राज्य की 14 में से कम से कम छ्ह सीटों पर अपनी दावेदारी करने की पक्षधर है, जिसमे कोडरमा सीट शामिल है. झामुमो के पास गिरिडीह सीट के लिए तो जनाधार वाले दमदार नेता शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो जैसे प्रभावी नेता हैं,  लेकिन कोडरमा में एक अदद नेता की तलाश थी. वह हाल में भाजपा के पूर्व विधायक प्रो. जयप्रकाश वर्मा के झामुमो में शामिल होने से पूरी हो गई। संभावना है कि प्रो. वर्मा अगले साल होनेवाले लोकसभा चुनाव में झामुमो के प्रत्याशी हो सकते हैं. इसी को ध्यान में रखकर झामुमो ने सीएम की गिरिडीह-कोडरमा जोहार यात्रा को सरजमीन पर उतारने की कोशिश की है। सीएम ने शासन और सियासत दोनों को साधते हुए अपने सियासी विरोघियों को जरूर एलर्ट मोड में ला दिया है. सीएम को दौरे से कोडरमा लोकसभा क्षेत्र में पार्टी कैडरों का मनोबल भी बढ़ा है।

कोडरमा में सीएम के दौरे के मायने…!

एक समय कांग्रेस का गढ़ रहा कोडरमा लोकसभा क्षेत्र अब भाजपामय है. 1977 में बनी छ्ह विधानसमा सीटों वाली कोडरमा संसदीय सीट के चार विधान सभा क्षेत्र धनवार, बगोदर, गाण्डेय और जमुआ (सु) सीट गिरिडीह जिले में पड़ते हैं. शेष दो कोडरमा और भरकट्टा है. इस सीट पर छ्ह बार भाजपा से रीतलाल वर्मा,  दो बार कांग्रेस से तिलकधारी सिंह, दो बार भाजपा से बाबूलाल मंराडी, एक बार भाजपा से डा. रवीन्द्र राय, एक बार जनता दल से प्रो. मुमताज अंसारी और वर्तमान में भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व केन्द्रीय मंत्री श्रीमती अन्न्पूर्णा देवी सांसद हैं. हालांकि इससे पहले दो बार झारखंड मुक्ति मोर्चा के टिकट पर स्व. डा. सबा अहमद और स्व. रीतलाल वर्मा की पत्नी चंपा वर्मा ने चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों दफे झामुमो को पराजय का सामना करना पड़ा। कोडरमा लोकसभा में इस बार की स्थिति बिल्कुल भिन्न है। कांग्रेस-राजद का संगठन पहले जैसा नहीं है. कांग्रेस के पास इलाके में भाजपा को चुनौती देना मुश्किल है. इस समय ऐसा कोई चेहरा सामने नजर नहीं आता. ऐसे में झामुमो ने रीतलाल वर्मा के भतीजे और संघ परिवार के कद्दावर रहे स्व डा. जेपी कुशवाहा के पुत्र गांडेय के पूर्व विधायक के जेपी वर्मा पार्टी में शामिल होने से मोर्चा संगठन कोडरमा संसदीय सीट के लिए एक दमदार नेता की कमी शायद पूरी हो गई है। ऐसा झामुमो के कार्यकर्ता-नेता भी मानते हैं. बहरहाल अभी लोकसभा चुनाव में डेढ़ साल का समय है. अभी वोटरों का रुख भी साफ नहीं है. लेकिन सीएम के दौरे से यह स्पष्ट जरूर हो गया है कि कोडरमा में झामुमो अपने पैर पसारने की फिराक में है. खतियानी जोहार यात्रा के जरिये सीएम ने यह मैसेज जरूर दे दिया है. इसके अलावा ढिबरा उद्योग को पुन: चालू करने, इसके लिए नीति-नियम बनाने और फिर से अभ्रक फैक्टरी खोलने का ऐलान कर सीएम ने कोडरमा की जनता मन जीत लिया है.  

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