गिरिडीह: उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने शनिवार को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ विभिन्न पहलुओं पर एक महत्वपूर्ण बैठक में क्लिनिकल इस्टैब्लिशमेंट एक्ट 2010 अंतर्गत डिस्ट्रिक्ट रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (DRA), PC & PNDT एडवाइजरी कमेटी एवं डिस्ट्रिक्ट इंस्पेक्शन व मॉनिटरिंग कमिटी तथा रक्त अधिकोष से संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिया। बैठक में स्वास्थ्य से जुड़े अन्य मामलों की समीक्षा में डीसी ने अधिकारियों कई निर्देश भी दिये.
जिले में 162 निबंधित अस्पताल, नर्सिंग होम व पैथोलॉजी है
गिरिडीह जिले में Clinical Establishment Act 2010 अन्तर्गत कुल 162 निबंधित अस्पताल, नर्सिंग होम एवं पैथोलॉजी है। सभी अस्पताल/ क्लिनिक/नर्सिंग होम फायर सेफ्टी उपलब्ध रहना आवश्यक है, नहीं रहने की स्थिति में निबंधन नहीं दिया जाना है। इनकी नियमित रूप साफ-सफाई रखना अनिवार्य है एवं बायोमेडिकल वेस्टेज के लिए निबंधित एजेन्सी से एकरारनामा करना है। सदर अस्पताल एवं मातृ शिशु स्वास्थ्य केन्द्र, चैताडीह का ओपीडी-आईपीडी एवं वार्ड के चादर, बेड तथा शौचालय की साफ-सफाई नियमित रूप से करना अनिवार्य है। निबंधित नर्सिंग होम्स के एक्ट के तहत प्रचार-प्रसार रेडियो जिंगल, बैनर और दैनिक सामाचार पत्र के माध्यम से आम लोगों में पंजीकृत अस्पतालों में दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा एवं सुविधा से संबंधित जागरूकता करना है।
सेव द गर्ल्स चाइल्ड सप्ताह 31 तक चलेगा
राज्य नोडल पदाधिकारी, PC& PNDT, NHM नामकुम, रॉची के निर्देशानुसार गिरिडीह जिले में PC & PNDT अन्तर्गत सेव द गर्ल्स चाइल्ड सप्ताह 24 से 31 जनवरी तक मनाया जा रहा है। Save the Girl Child के लिए 24 जनवरी को कैन्डल मार्च एवं जागरूकता रैली निकाली गयी। प्रखण्डों में प्रचार-प्रसार के लिए Flex Banner का वितरण किया जा चुका है। अल्ट्रासाउण्ड केन्द्रों का Geo Tagging करना है। न्यू वर्मा अल्ट्रासाउण्ड एण्ड डायग्नोस्टिक सेन्टर राधा गोविन्द भवन कोर्ट रोड का संचालक द्वारा बन्द करने का आवेदन दिया गया है।
डीसी ने की रक्त अधिकोष की समीक्षा
इसके अलावा डीसी ने रक्त अधिकोष के बारे में बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के अन्त में रक्त अधिकोष का आय एवं व्यय का ब्यौरा रेडक्रॉस सोसाईटी द्वारा प्रस्तुत किया जाना है। रक्तदाता एवं रक्त प्राप्तकर्ता दोनों का आधार कार्ड एवं मोबाइल नम्बर प्राप्त कर एवं जांच कर इन्ट्री करनी है। प्रत्येक थैलेसिमिया मरीजों का दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाने के लिए सभी दस्तावेज जैसे-आधार कार्ड, थेलेसिमिया जॉच प्रतिवेदन, फोटो प्राप्त कर दिव्यांग कार्यालय में उपलब्ध किया जाए ताकि दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनाया जा सके। रक्त अधिकोष, सदर अस्पताल में कार्यरत प्रयोगशाला प्रावैधिक का स्थानान्तरित करने और उसके स्थान पर अन्य प्रयोगशाला प्रावैधिकों को प्रतिनियुक्त करने की बात भी कही गई है। बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष, सिविल सर्जन, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी, सभी चिकित्सा पदाधिकारी, सभी moic, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।