देश में इलेक्ट्रिक वाहनों में आमतौर पर कंपनियों द्वारा लीथियम बैटरी का प्रयोग करने के साथ ही अब भारत में पहली बार एल्युमिनियम एयर बैटरी बनाई जा रही है। इसके लिए पेट्रोलियम क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इंडियन ऑयल के साथ ऊर्जा क्षेत्र की इजरायली कंपनी फिनरजी द्वारा इस बैटरी को लॉन्च किया गया है।
इसका उपयोग सभी प्रकार के वाहनों के साथ डाटा सेंटर, अस्पताल, फैक्ट्रियों की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जा सकेगा। कंपनी का दावा है कि लीथियम बैटरी की अपेक्षा एल्युमिनियम एयर बैटरी करीब तीन गुना अधिक चलेगी। पर्यावरण संरक्षण भी होगा, क्योंकि एल्युमिनियम एयर बैटरी की रिसाइकिलिंग आसान है। लीथियम बैटरी के लिए कच्चा माल चीन और वियतनाम सहित कई देशों से आयात किया जाता है।
इस कारण लीथियम बैटरी से संचालित होने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमत बढ़ जाती है। इसके अलावा लीथियम बैटरी के लिए आयात किए जाने वाले कच्चे माल के आयात से भी राहत मिलेगी। एल्युमिनियम देश में प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने के कारण आयात का खर्च बचेगा और बैटरी उत्पादन की लागत भी कम होगी, जिसका लाभ ग्राहकों को मिलेगा।इस नई बैटरी में ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए एल्युमिनियम की ऑक्सीजन से रासायनिक प्रतिक्रिया होती है। इससे ऊर्जा उत्पन्न होती है। साधारण शब्दों में कहें तो एल्युमिनियम, पानी व ऑक्सीजन से इस बैटरी में स्वच्छ ऊर्जा बनती है।
बैटरी में ऊर्जा उत्पन्न करने की प्रक्रिया में एकत्र हुए एल्युमिनियम को एकत्र कर इसका प्रयोग अन्य उद्योगों में किया जा सकता है अथवा बाजार में बिक्री की जा सकती है।इंडियन ऑयल ने इस बैटरी को सुदूर गांवों तक पहुंचाने की भी तैयारी की है। कंपनी के पंपों पर एल्युमिनियम एयर बैटरी की बिक्री व एक्सचेंज का ढांचा बनाकर इसे बहुत कम समय में पूरे देश में शुरू किया जा सकता है। टाटा की इलेक्ट्रिक कार में इस बैटरी का प्रयोग सफल रहा है।ई-रिक्शा में भी इसे उपयोगी पाया गया है। लीथियम आयन बैटरी के एक बार चार्ज होने के बाद वाहन के 150-200 किलोमीटर तक दौड़ने की अधिकतम क्षमता होती है। एल्युमिनियम एयर बैटरी एक बार चार्ज होने के बाद वाहन 400 किलोमीटर से अधिक दौड़ेगा।
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