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Friday, September 20, 2024
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प्रखर शिक्षाविद व सफल नेतृत्वकर्ता डॉ. करमा उरांव का निधन राज्य के लिए अपूरणीय क्षति : बंधु तिर्की

रांची : पूर्व मंत्री और झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि प्रकांड विद्वान, प्रखर शिक्षाविद और सफल नेतृत्वकर्ता डॉ. करमा उरांव का निधन झारखण्ड के लिए वैसी अपूरणीय क्षति है, जिसकी भरपायी नहीं हो सकती. उन्होंने कहा कि रांची विश्वविद्यालय के पूर्व डीन और मानवशास्त्र विभागाध्यक्ष के रूप में उन्होंने रांची विश्वविद्यालय को एक नयी दिशा दी. श्री तिर्की ने कहा कि अलग झारखण्ड राज्य के निर्माण के पहले से लेकर झारखण्ड के सामाजिक सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक जागरण में भी डॉ. करमा उरांव का अतुलनीय योगदान है और इसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता.

‘सीएनटी एक्ट के मामले में वे बेहद संवेदनशील थे’

श्री तिर्की ने कहा कि, डॉ करमा उरांव ने चाहे जिस भी भूमिका का निर्वहन किया, लेकिन हर जगह पूरी ईमानदारी, सतर्कता और सावधानी का साथ कभी नहीं छोड़ा.  उन्होंने न केवल झारखण्ड के आदिवासियों की आवाज को बुलंद किया, बल्कि मूलवासी, सदान और झारखण्ड के हर एक व्यक्ति की आवाज को पूरी दुनिया में एक अद्भुत पहचान दी. विशेष रूप से सरना धर्म कोड, झारखण्ड के सांस्कृतिक उन्नयन, झारखण्ड के ज़मीनी मामले विशेषकर सीएनटी एक्ट के मामले में वे बेहद संवेदनशील थे और मुखरता से अपनी बातों को सभी के सामने रखते थे.

‘डॉ. उरांव का जीवन-कर्म हमें प्रेरणा देता रहेगा’

श्री तिर्की ने कहा कि, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डॉ. करमा उरांव ने अनेक शैक्षणिक अधिवेशनों में झारखण्ड के शिक्षाविद के रुप में भाग लिया और हर जगह उन्होंने झारखण्ड की गहरी छाप छोड़ी. श्री तिर्की ने कहा कि डॉ. करमा उरांव का जीवन एवं कर्म हमें इस बात की प्रेरणा देता रहेगा कि शैक्षणिक उपलब्धि के बलबूते कोई भी व्यक्ति ना केवल अतुलनीय प्रदर्शन कर सकता है बल्कि अपने प्रदेश और समाज को भी ऊंचा उठाने में अपना योगदान दे सकता है.

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