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Sunday, September 8, 2024
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निजी अस्पतालों की मनमानी देखिए.. आईएमए के हस्तक्षेप के बाद…वसूली गई अधिक राशि वापस लौटायी गई…! : वीएस नायक

रांची : राज्य सरकार जबतक सरकारी अस्पतालों में भयावह व दयनीय स्थिति में अगर बदलाव नहीं करेगी, तबतक राज्य के अधिकतर निजी अस्पताल गरीबों को लूटता रहेगा. निजी अस्पतालों के प्रबंधक गरीब मरीजों को कैसे लूटता है, इसका ज्वलंत उदाहरण रांची से करीब 15 किलोमीटर दूर टाटीसिल्वे स्थित स्वर्ण रेखा अस्पताल में देखने को मिली. अस्पताल मरीज से ₹10 हजार राशि ऑक्सीजन देने के नाम पर अधिक ले लिया. जब मरीज के लोगों ने आईएमए से गुहार लगाई. आईएमए के पदाधिकारियों ने हस्तक्षेप किया, तब अधिक वसूली गई राशि को वापस की गई. यह तो एक बानगी है. ऐसी खबरें अक्सर मीडिया में पढ़ने या देखने को मिलता है. उपरोक्त बातें शुक्रवार को झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष सह आदिवासी मूलवासी जन अधिकार मंच के केंद्रीय उपाध्यक्ष विजय शंकर नायक ने कही. निजी अस्पतालों की मनमानी के संबंध में श्री नायक ने मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को ईमेल भी भेजा है.

निजी अस्पतालों में रोग शुल्क संबंधी बोर्ड लगवाए सरकार…!’

नायक ने पत्र में कहा है कि राज्य में निजी अस्पताल लूट का अड्डा बन चुका है. सरकार जनहित में सभी प्रकार के रोगों के इलाज के लिए निजी अस्पतालों में दर  निर्धारण करे. उन्होंने रोगों के इलाज के शुल्क संबंधी जानकारी अस्पतालों में सार्वजनिक रूप से शिलापट्ट पर अंकित करने की मांग की है। उन्होंने यह भी कहा कि आज सरकारी अस्पतालों में आधारभूत संरचना की कमी के कारण डॉक्टरों एवं उचित चिकित्सा व्यवस्था नहीं रहने के कारण निजी अस्पताल फल-फूल रहे हैं, इसके कारण  मध्यम और गरीब तबकों के मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं. श्री नायक ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री एवं आईएमए से मांग की है कि निजी अस्पतालों में मरीजों के प्राथमिक उपचार के लिए दर तुरंत निर्धारित करे ताकि गरीब जनता निजी अस्पताल से लूट का शिकार ना बने.

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