गिरिडीह : एक तरफ हेमंत सरकार घोषणाओं की झड़ी लगा रही है। तो दूसरी तरफ अलग-अलग विभागों के कर्मी का आंदोलन भी पुरजोर तरीके से चल रहा है। हालात ऐसे है कि जब-जब सीएम हेमंत सोरेन गिरिडीह पहुंचे है तो, कभी जलसहियाओं तो कभी पोषण सखी के द्वारा सीएम हेमंत सोरेन का विरोध हुआ। वहीं अब राज्य प्रशसनिक संघ के पदाधिकारी सरकार के खिलाफ गोलबंद होनेवाले हैं। मनरेगाकर्मियों ने भी हेमंत सरकार के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय रविवार को झंडा मैदान में बैठक कर लिया। इस दौरान संघ के विनोद विश्वकर्मा ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि अब तक कई बार हेमंत सरकार मनरेगाकर्मियों की सेवा को स्थायी करने और मानदेय में वृद्धि करने का वादा कर चुकी है। लेकिन अपने वादे को भूलना ही संभवत: हेमंत सरकार के कार्यकाल की बानगी बन चुका है। अब ऐसे में मनरेगा कर्मियों के सामने आंदोलन के बगैर कोई रास्ता नहीं रहा.
23 से 31 जुलाई तक हर विधायक के आवास का घेराव होगा: विनोद विश्वकर्मा
बैठक में मौजूद कर्मियों के बीच विश्वकर्मा ने कहा कि 23 से 31 जुलाई तक हर विधायकों के आवास का घेराव होगा, जबकि आठ अगस्त को जिला मुख्यालय में हेमंत सरकार के वादों के खिलाफ धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। 20 से 31 अगस्त तक हर कैबिनेट मंत्री के आवास का घेराव और 18 सितबंर से 21 सितबंर तक चार दिवसीय सीएम आवास का घेराव कार्यक्रम के घोषणा हुई। 10 अक्टूबर को ही ग्रामीण विकास मंत्री के आवास का घेराव का निर्णय बैठक में लिया गया। इधर बैठक में पांच सूत्री मांगों को लेकर आंदोलन शुरु करने की बात की गई है। पांच सूत्री मांगों में मनरेगाकर्मियों को सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाने का निर्णय, बर्खास्तगी पर रोक के साथ मनरेगाकर्मियों की नौकरी की सुरक्षा और बर्खास्त कर्मियों की सेवा बहाल करने समेत अन्य मांगें शामिल थी। इधर बैठक में टहल रविदास, रामकिशोर वर्मा, बालेश्वर रविदास, राजदेव विश्वकर्मा, सुरेश प्रसाद वर्मा, इकबाल, नवीन कुमार, उमाशंकर रविदास, चंदन सिंह, धीरज पाठक समेत कई मौजूद थे।