भाजपा की सरकार आदिवासियों की सबसे बड़ी हितैसी है
भाजपा सरकार में संथाली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया
श्री मरांडी ने लिट्टीपाड़ा की जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि भाजपा की सरकार में हमेशा आदिवासियों को सम्मान देने का काम किया गया। भाजपा की मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में 8 आदिवासियों को मंत्री बनाया गया है। देश मे 10 करोड़ से अधिक आदिवासी समुदाय के लोग निवास करते है। उनमें से संथाली तीसरी सबसे बड़ी आबादी है। भाजपा सरकार में संथाली भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल किया गया। ताकि संथाली भाषा के युवक युवती आईएएस और आईपीएस बन सके। एक संथाली आदिवासी महिला को राष्ट्रपति बनाया। अलग से अनुसूचित जनजाति मंत्रालय का गठन किया।
झारखंड़ अलग राज्य बनाने में भाजपा की अहम भूमिका की तारीफ की। उन्होंने कहा कि हम गर्व से कहते है कि हम झारखंडी है लेकिन झारखंड अलग राज्य की मांग आजादी की लड़ाई के समय से ही चली आ रही थी। आजादी के बाद से देश मे कांग्रेस के जवाहर लाल नेहरु ,इंदिरा गांधी, राजीव गांधी,नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री बने, लेकिन इन लोगों ने आदिवासियों की या झारखंड की जनता की इस मांग को पूरा करने की कभी कोशिश नहीं की। जो आंदोलनकारी नेता थे उनको कांग्रेस ने पैसों से उपकृत करती रही, खिलाती पिलाती रही,लेकिन झारखंड राज्य कभी नहीं बनाया।
उन्होंने कहा कि जब देश मे भाजपा की सरकार अटल बिहारी बाजपेयी जी के नेतृत्व में बनी तभी आदिवासियों एवम यहां के मूलवासियों का सपना पूरा हुआ और झारखंड़ एक अलग राज्य बना। भाजपा ने अलग राज्य बनाई है इसलिए राज्य की जनता की दुख और तकलीफ को भाजपा समझती है,दूसरे तो सिर्फ राज्य को लूटने के लिए राजनीति कर रहे है।
जब जब राज्य और केंद्र में भाजपा की सरकार बनी है तब तब चारो ओर विकास की चर्चा होती है लेकिन जब जब झामुमो और कांग्रेस की सरकार बनती है लूट और भ्रष्टाचार की चर्चा होती है। भाजपा की सरकार में यहां सड़कें,पूल पुलिया बनी,लोगों को आवागमन की सुविधा मिली ।नल से जल घर घर तक पहुंचाने का काम किया। स्कूल ,कॉलेज अस्पताल बनवाया।गांव गाँव मे बिजली पहुंचायी।
राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। आज झारखंड में कोई सुरक्षित नहीं है ।आए दिन राज्य में चोरी,डकैती, लूट ,दुष्कर्म जैसी अपराध को अंजाम दिया जा रहा है। बहनों की हत्या की जा रही है और 50-50 टुकड़ों में काटा जा रहा है।। झारखंड में पुलिस लाचार और बेबस दिखाई देती है। पुलिस पैसा उगाही में लगी हुई है। क्योंकि उन्हें पैसा ऊपर तक पहुंचाना पड़ता है। ये ऊपर वाले कौन लोग है।
आज झारखंड में भ्रष्टाचार ऊपर से लेकर नीचे तक व्याप्त है। सरकार के संरक्षण में भ्रष्टाचार हो रहा है।अधिकारीयों को किसी का भय नही है। क्योंकि सरकार ही उनसे भ्रष्टाचार करवा रही है।
भ्रष्टाचार का आलम यह है कि केंद्र सरकार के द्वारा गरीबों के लिए जो अनाज भेजी जाती है। आज उस अनाज की भी बंदरबांट की जा रही है। उसे बेच दिया जा रहा है। मोदी जी देश के गरीबों की चिंता करते हैं ।भूख से किसी की भी मौत ना हो इसलिए वह अनाज भेजते हैं। लेकिन हेमंत सोरेन की सरकार में अनाज गरीबों तक नहीं पहुंच पा रही है। ताज्जुब तो तब होती है जब राज्य के मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र के गरीबों को भी अनाज नहीं मिलता है। दोषियों के खिलाफ शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। क्योंकि अनाज की कालाबाजारी का कुछ हिस्सा सरकार तक भी पहुंचती है।अनाज के साथ साथ कोयला,बालू, पत्थर,खनिज पदार्थों की लूट हो रही है।