राज्य में हेमंत की सरकार ने बिहार-बंगाल और यूपी के बिचौलियों व दलालों को अवैध तरीक़े से खनिज संपदा की लूट की खुली छूट दी…पसमांदा समाज से कांग्रेस-जेएमएम को छोड़ भाजपा का साथ देने की अपील.
देवघर (सारठ) : झारखंड प्रदेश अध्यक्ष व राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने संकल्प यात्रा के दौरान सारठ में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि हेमंत सरकार पिछड़ों के नाम पर सिर्फ राजनीति कर रही है. ट्रिपल टेस्ट करवाकर पिछड़ों को उनका हक़ दिया जा सकता था किंतु हेमंत सरकार ने पिछड़ों को धोखा दिया। उन्होंने कहा कि नगर निकाय चुनाव नहीं करवाकर झारखंड को लूट का अड्डा बना दिया है। सभा में भारी संख्या में उपस्थित पसमांदा समाज के लोगों से श्री मरांडी ने कहा कि भाजपा सबका साथ, सबका विकास, सबका प्रयास और सबका विश्वास पर भरोसा कर बिना भेदभाव के कार्य करती है। उन्होंने आह्वान किया कि पसमांदा समाज कांग्रेस-जेएमएम को छोड़ भाजपा का साथ दे और 2024 में मोदी जी को पुनः प्रधानमंत्री बनायें।
‘अपराधियों को हेमंत सरकार का संरक्षण प्राप्त है’
उन्होंने कहा कि राज्य में हेमंत की सरकार ने बिहार-बंगाल और उत्तर प्रदेश के बिचौलियों व दलालों को अवैध तरीक़े से खनिज संपदा की लूट की खुली छूट दे दी है। हेमंत सरकार के संरक्षण में बालू, कोयला, पत्थर व अन्य खनिज संपदा अवैध तरीक़े से लूटा जा रहा है। अपराधियों को हेमंत सरकार का संरक्षण प्राप्त है। अपराध का ग्राफ़ पूरे देश में सर्वाधिक है। थाना, ब्लॉक व ज़िला कार्यालयों में भ्रष्टाचार चरम पर है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार समाप्त करने का आह्वान किया है किंतु इस प्रदेश में हेमंत सरकार ही भ्रष्टाचार फैला रही है। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार काम के लिए नहीं, कमाने में व्यस्त है। इस राज्य के सिंहासन से हेमंत सरकार की विदाई के बाद ही यहां विकास संभव है.
‘नल से जल योजना का कार्य दिल्ली-मुंबई वालों को सौंप दिया’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के कई प्रधानमंत्री हुए किंतु अलग राज्य के सपने को श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी ने ही पूरा किया। अटल जी के कार्यकाल में ही गाँव-गाँव तक सड़क, बिजली नदी-नालियों पर पूल बने। इस सरकार में बिजली आने से ज़्यादा जाती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी कोविड लिए दौरान 80 करोड़ ग़रीबों के लिए अनाज भेजने का कार्य किया किंतु इस सरकार ने उस अनाज की भी बंदरबाँट में संलिप्त हो गयी। नल से जल योजना का कार्य भी दिल्ली-मुंबई वालों को सौंप दिया और पैसों की बंदरबाँट किया गया है। पाँच लाख रोज़गार नहीं तो भत्ता देने के नाम पर युवाओं को हेमंत सरकार ने गुमराह किया।