गिरिडीह : किरायेदार द्वारा आय से अधिक संपति अर्जित करने का आरोप लगाए जाने के बाद जिले के डीआरडीए निदेशक आलोक कुमार के खिलाफ किरायेदार प्रेमजीत ने रांची के लालपुर थाने में केस दर्ज कराया है. वहीं मामला सामने आने के बाद संयुक्त सचिव शैल प्रभा कुजूर ने भी इसे गंभीरता से लिया और गिरिडीह डीसी नमन प्रियेश लकड़ा को निर्देश दिया है कि वो डीआरडीए निदेशक को शोकॉज कर उनका जवाब मांगे. मिली जानकारी के अनुसार डीसी की ओर से शनिवार को डीआरडीए निदेशक आलोक कुमार को शोकॉज मिला. लिहाजा, शोकॉज का जवाब देने की तैयारी में अब डीआरडीए निदेशक भी जुट गए है. संभावना जतायी गई कि डीआरडीए निदेशक सोमवार को अपना जवाब डीसी के जरिए संयुक्त सचिव को भेज सकते हैं.
निदेशक पर करोड़ों की संपत्ति अर्जित करने का आरोप
जानकारी के अनुसार रांची निवासी प्रेमजीत कुमार ने डीआरडीए निदेशक पर गंभीर आरोप लगाते हुए लालपुर थाने में आवेदन देकर आरोप लगाया कि उन्होंने अपने सरकारी पद का दुरुपयोग करते हुए करोड़ों की संपति अर्जित की है. इतना ही नहीं किरायेदार प्रेमजीत कुमार ने डीआरडीए निदेशक के पद का गलत इस्तेमाल करते हुए लालपुर थाने में उनके खिलाफ फर्जी केस तक करने का आरोप लगाया है।
जानिए डीआरडीए निदेशक का पक्ष
इधर डीसी द्वारा जारी शोकॉज और किरायेदार द्वारा आय से अधिक संपत्ति के मामले में डीआरडीए निदेशक आलोक कुमार ने कहा कि उन्हें उनके किरायेदार द्वारा सिर्फ परेशान किया जा रहा है, क्योंकि प्रेमजीत कुमार जब उनके मकान को किराये पर लिया था तो, कुछ महीनों तक किराया देते रहे लेकिन किराये और बिजली बिल का बकाया 9 लाख तक पहुंच गया और डीआरडीए निदेशक ने प्रेमजीत से अपना मकान खाली करा दिया तो, उन पर किरायेदार ने झूठा आरोप लगा दिया है, जबकि रांची का मकान उनके पिता के नाम पर है. अब अगर कोई संपत्ति है तो वो भी पुश्तैनी है. उनके द्वारा कोई संपत्ति नहीं अर्जित की गयी है. लिहाजा, वो भी चाहते हैं कि अब मामले की जांच राज्य सरकार एसीबी से कराएं. जिसमें वो बेदाग साबित हों. उन्होंने दावा करते हुए कहा कि डीआरडीए निदेशक ने कहा कि जब से वो सरकारी नौकरी आएं हैं, तब से वो बेदाग तरीके से अपनी नौकरी करते रहे हैं।