खलारी। खलारी थाना क्षेत्र के जीटाइप स्थित स्लरी भंडार से स्लरी की तस्करी चरम पर है। तस्करी के लिए स्लरी का खनन जोर शोर एवं बेतरतीब तरीके से की जा रही है। इस तरह के खनन के दौरान पूर्व में कई बड़े और भयानक हादसे भी हो चुके हैं, जहाँ स्लरी खनन के समय ऊपर से स्लरी ढह जाने पर कई मजदूरों की स्लरी के नीचे दबकर मौतें भी हो चुकी है। परन्तु आसानी से होने वाले दो नम्बर की कमाई के पीछे सब छिप जाता है। धंधा गैरकानूनी होने के कारण मामलों को दबा भी दिया जाता है।
दशहरा बीतते ही ईट भट्ठों का सीजन शुरू हो जाता है और स्लरी की तस्करी चरम पर पहुँच जाती है। बेतहाशा स्लरी की ढुलाई दिन रात एक कर मुंडा धौड़ा, हुटाप, खलारी बाजार टांड़, सरना, नावाडीह, हेसालोंग, सहित अन्य मार्गों से किया जाता है। इस कार्य में दर्जनों ट्रैक्टर व टर्बो वाहनों को लगाया गया है। इन वाहनों के परिचालन से रास्ते भर धूल गर्द तो उड़ता ही है जिससे राहगीरों एवं ग्राम वासियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता ही है वहीं रात एवं तड़के ढाई तीन बजे से वाहनों के शोर से ग्रामीणों की नींद भी हराम हो जाती है इन सबका विपरीत असर उनकी सेहत पर पड़ रहा है।
खनन के लिए जेसीबी का भी हो रहा प्रयोग
स्लरी के अवैध खनन में अब मजदूरों के साथ साथ जेसीबी का भी प्रयोग किया जा रहा है ताकि कार्य को तीव्रता दी जा सके। जेसीबी के प्रयोग से आसानी से खनन कर बड़े वाहनों को भरने में सहूलियत होती है। स्लरी की ढुलाई की शुरुआत ट्रेक्टर से हुई थी फिर टर्बो और अब कई बार हाइवा तक से की जा रही है। ग्राम वासियों का कहना है कि जेसीबी चला कर खनन करने की हिम्मत तथा भारी वाहनों का परिचालन प्रशासनिक मिली भगत के बिना जुटाई नहीं जा सकती। वहीं प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि इसकी जानकारी नहीं है, जाँच कर कार्यवाही की जाएगी।