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Friday, September 20, 2024
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पावर ब्रोकर प्रेम प्रकाश के कारनामे पर JHC सख्त,ED अधिकारियों के खिलाफ साजिश मामले में मांगी सीलबंद रिपोर्ट, जेल प्रशासन सकते में  

 

पीपी ईडी को फंसाने के चक्कर में खुद ही फंस गया…लपेटे में जेल कई अधिकारियों और कई वीआईपी कैदियों को भी परेशानी में डाला

ईडी ने पीपी और अमित अग्रवाल की गतिविधियों की वजह से दोनों को दूसरे राज्य की किसी जेल में शिफ्ट किए जाने की अनुशंसा की

रांची: जेल में बंद ब्रोकर प्रेम प्रकाश ईडी को फंसाने के चक्कर में खुद ही फंसते नजर आ रहे हैं. उसने लपेटे में जेल कई अधिकारियों और जेल में बंद कई वीआईपी कैदियों को भी परेशानी में डाल दिया है. अब झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य में खनन घोटाला, मनरेगा घोटाला, जमीन घोटाला और टेंडर कमीशन घोटाला केस में जांच कर रहे ईडी के अधिकारियों के खिलाफ कथित तौर पर जेल से साजिश रचने के मामले में स्वत: संज्ञान ले लिया है। हाईकोर्ट ने जेल में बंद आरोपी प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल की सक्रियता मामले में ईडी से सीलबंद रिपोर्ट मांगी है। पिछले दिनों ईडी ने रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में छापेमारी की थी। छापेमारी के बाद ईडी ने खुलासा किया कि जेल से प्रेम प्रकाश सुनियोजित साजिश के तहत ईडी अधिकारियों को झूठे मुकदमों में फंसाने और मरवाने तक की योजना को अंजाम देने की कोशिश में थे. लेकिन समय रहते ईडी पीपी के मंसूबों पर पानी फेर दिया है.

ईडी को भनक लगने के बाद पीपी का सारा खेल बिगड़ गया

इस समय होटवार जेल प्रेम प्रकाश और अमित अग्रवाल के अलावा रांची के डीसी रहे छवि रंजन, पूजा सिंघल, बड़गाई के सीआई रहे भानुप्रताप प्रसाद सहित एक दर्जन से अधिक आरोपी जेल में हैं। ईडी ने खुलासा किया है कि खनन घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में जेल में बंद प्रेम प्रकाश नक्सलियों और गैंगस्टरों से मिलकर ईडी के अधिकारियों को निशाना बनाने की साजिश कर रहा था। इतना ही नहीं, उसने कुछ महिलाओं को इस बात के लिए तैयार किया था कि वह ईडी के अधिकारियों को झूठे मुकदमे में फंसा दें। शातिर पीपी एससी-एसटी एक्ट के तहत फंसाने की साजिश भी थी, लेकिन इसकी भनक ईडी को लग गई और पीपी का सारा खेल बिगड़ गया है.

पीपी व अमित अग्रवाल की मुश्किलें बढ़ी,अन्य वीआईपी कैदियों के होश फाख्ता

सूत्र बताते हैं कि पीपी और अमित अग्रवाल की मुश्किलें अब बढ़नेवाली है. ईडी ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट में बताया कि पीपी जेल में कुछ प्रभावशाली लोगों से मिलता था, जिसके सीसीटीवी फुटेज नष्ट कर दिए गए हैं। फुटेज नष्ट किए जाने के साक्ष्य भी ईडी के पास है। ईडी ने पीपी और अमित अग्रवाल की गतिविधियों की वजह से दोनों को दूसरे राज्य के किसी जेल में शिफ्ट किए जाने की अनुशंसा की है। इससे जेल में बंद अन्य वीआईपी कैदी के होश फाख्ता हैं. झारखंड हाईकोर्ट से लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय इस मामले को गंभीरता से लिया है. वहीं हेमंत सरकार की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो गए हैं.

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