23.1 C
Ranchi
Thursday, November 21, 2024
Advertisement
HomeNationalसाहिबगंज में सीएम ने रघुवर पर किया करारा प्रहार, कहा- भ्रष्टाचारी को...

साहिबगंज में सीएम ने रघुवर पर किया करारा प्रहार, कहा- भ्रष्टाचारी को गर्वनर बनाकर उन्हें गुनाहों से बरी किया तो, जांच एजेंसियों पर भेदभाव का भी आरोप लगाया

रांची : साहिबगंज में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य में जारी सीबीआई, आईटी और ईडी की कार्रवाई को विपक्ष की साजिश बताते हुए प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के नवनियुक्त राज्यपाल रघुवर दास पर तंज कस दिया. रघुवर दास के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार पर जांच एजेंसियों की चुप्पी की ओर भी इशारा किया. सीएम ने कहा कि विपक्ष हमारी सरकार और परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाता है पर जिसकी सरकार ने राज्य में भ्रष्टाचार का रायता फैलाने का काम किया, उस  भ्रष्टाचारी को राज्यपाल बनाकर यहां से भेज दिया। हालांकि सीएम ने रघुवर दास का नाम तो नहीं लिया, पर उन्होंने ऐसा बयान देकर केंद्र के अलावा जांच एजेंसियों पर भी तोहमत लगाने का काम किया.

 ‘जांच एजेंसियों को आगे कर पीछे से होता है वार’

साहिबगंज की जनसभा में सीएम ने कहा कि जब विपक्ष की राजनीतिक ताकत खत्म हो जाती है तो, ये लोग छिपकर वार करते हैं। ऐसी ताकत जांच एजेंसियों को आगे कर उसके पीछे छिप जाते हैं। सीएम ने विपक्ष को खुली चुनौती देते हुए कहा कि पीछे से क्यों लड़ते हो? हिम्मत है तो सामने से लड़ो। सीएम ने कहा कि जब विपक्ष सीधी राजनीतिक लड़ाई में पिछड़ जाता है तो बेबुनियाद आरोप लगाने आगे आ जाता है। विपक्ष राज्य सरकार के कामों में अड़ंगे लगाने से कभी नहीं चूकता है।

सरना धर्म कोड पर केंद्र ने क्यों साध रखी है चुप्पी…?

सीएम ने पूर्व राज्यपाल रमेश बैस और मौजूदा राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को भी लपेटे में लिया। उन्होंने कहा कि हमने आदिवासियों की पहचान के लिए सरना धर्म कोड विधानसभा से पारित कराया, पर उसे केंद्र की मंजूरी नहीं दी गई. अभी तक इसपर कोई जवाब तो नहीं आया, अलबत्ता केंद्र सरकार जनजातीय गौरव दिवस मनाने का ढोंग जरूर किया. वहीं ओबीसी आरक्षण बिल पर राज्यपाल कुंडली मारकर बैठे हैं। सीएम ने राज्यपाल पर राजनीतिक व्यक्ति की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि बाकी गैर भाजपा शासित राज्यों में भी राज्यपालों का यही हाल है। विधानसभा से पारित बिल को कानून नहीं बनने देते। गैर भाजपा सरकारों को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है। इसके बावजूद केंद्र सरकार के इशारे पर राज्यपाल अपनी मनमानी पर उतारू हैं.

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments