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Tuesday, September 17, 2024
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गिरिडीह डीसी ने स्वास्थ्य समन्वय समिति की बैठक में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम को सफल बनाने पर दिया जोर

गिरिडीह : जिले के उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा की अध्यक्षता में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिलास्तरीय स्वास्थ्य समन्वय समिति की बैठक की गई। बैठक के दौरान उपायुक्त ने 10 फरवरी से 25 फरवरी तक चलाए जानेवाले फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की जानकारी ली। बैठक में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा कर कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिए कार्ययोजना बनायी गई तथा पदाधिकारियों को उनकी जिम्मेदारियां सौंपी गई। बैठक में उपायुक्त ने निर्देश दिया कि फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत दवा वितरण कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार करायें, ताकि एक भी व्यक्ति फाइलेरिया की दवा लेने से छूटे नहीं। इस दौरान उपायुक्त ने सभी चिकित्सकों, आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविकाओं, स्वास्थ्य सहियाओं एवं स्वास्थ्यकर्मियों को गाइडलाइन का पालन करते हुए डीईसी तथा एल्बेंडाजोल की गोली लोगों देने का निर्देश दिया। बैठक में डीसी ने कहा कि फाइलेरिया बीमारी से प्रभावित अंग गंभीर रूप से फूल जाता है। इससे व्यक्ति को काफ़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कर फाइलेरिया से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि अधिक से अधिक लोगों को बूथ पर ही दवा खिलाने की रणनीति तैयार करें, जिससे घरों में जाकर दवा खिलाने की संख्या कम रहे। इसके लिए अधिक से अधिक बूथों का प्रचार-प्रसार करें। इसके अलावा BDO, CDPO एवं MOIC तीनों को प्रतिदिन ब्रीफिंग करने को कहा गया, जिससे कितने बच्चों/लोगों को दवा दी गई है, इसकी जानकारी प्राप्त हो सके।

खाली पेट फाइलेरिया की दवा किसी भी हालत में नहीं लें: सीएस

बैठक के दौरान सिविल सर्जन एसपी मिश्र ने कहा कि फाइलेरिया एक ऐसी बीमारी है, जिसकी वजह से प्रभावित अंगों जैसे हाथ, पांव का फूलना और हाइड्रोसिल होता है। फाइलेरिया वूचेरिया बैन्क्राफ्टी (Wucheria bancrofti) कृमि की वजह से होता है जो, क्यूलेक्स मच्छर के द्वारा फैलता है। यह एक वैक्टर मच्छर जनित बीमारी है और, फाइलेरिया विश्व स्तर पर विकलांगता का दूसरा प्रमुख कारण है। क्यूलेक्स मच्छर जमे हुए गंदे पानी में पैदा होते हैं। फाइलेरिया के उपचार हेतु डी.ई.सी. गोली एवं अलबेण्डाजोल बहुत ही कारगर दवा है, जिसके उपयोग से एम.डीए कार्यक्रम किया जाता है। लक्षित आबादी को डी.ई.सी. एवं अलबेन्डाजोल गोली की एक खुराक वर्ष में एक बार खिलाने पर 80 से 90 प्रतिशत तक इस बीमारी के प्रसार पर नियंत्रण किया जा सकता है। फाइलेरिया की दवा किसी भी स्थिति में खाली पेट नहीं लेनी चाहिए।

बैठक में कई निर्णय लिए गए

10 फरबरी को बूथ डे है। इस दिन सभी विद्यालय, सभी आंगनबाड़ी केंद्र, सभी स्वास्थय केन्द्र, सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत भवन, वार्ड कार्यालय आदि को बूथ बनाया जायेगा। 11 फरवरी से 25 फरवरी तक सभी संबंधित कर्मियों द्वारा घर-घर जाकर दवा पिलाई जायेगी। इस बीच संबंधित कर्मी अपने समक्ष ही लोगों को दवा पिलाएंगे। पेयजल/स्वच्छता विभाग, सूचना जनसंपर्क विभाग, नगर निगम, स्कूली शिक्षा, समाज कल्याण, पंचायती राज एवं आपूर्ति विभाग को इस कार्यक्रम से जोड़ा गया है। बैठक में उप विकास आयुक्त दीपक कुमार दुबे,  जिला जनसंपर्क पदाधिकारी रश्मि सिन्हा, जिला शिक्षा पदाधिकारी, सभी एमओआईसी, सभी सीडीपीओ सहित अन्य कई संबंधित पदाधिकारी उपस्थित थे।

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