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Tuesday, November 26, 2024
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गिरिडीहवासियों ने सदी के सबसे बड़े राम उत्सव का दिल खोल कर स्वागत किया, लोगों में गजब का उत्साह दिखा, झंडा मैदान में 25 हजार दीये जलाये गये

देवराहा बाबा की भविष्यवाणी सच  साबित हुई, पीएम मोदी का पूरा हुआ संकल्प

गिरिडीह, (कमलनयन) : युगों-युगों के लम्बे इंतजार,  हजारों राम भक्तों के बलिदान, अनेक संत-महात्माओं की आकांक्षा-अभिलाषा के पश्चात अवधपुरी-अयोध्या धाम में सोमवार को सम्पूर्ण वैभव के साथ भारतीय संस्कृति के अराध्य श्रीरामलला राघव स्वरूप में दिव्य भव्य नव्य मंदिर में विराजमान हो गये। प्रभु श्री राम के विराजे जाने के साथ ही साढ़े तीन दशक पूर्व प्रयागराज कुंभ में परम पुज्य चमत्कारी संत श्री देवराहा बाबा के अमृत वचन सत्य हो गये, जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रभु राम का भव्य मंदिर निर्विवाद बनेगा। इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का प्रण भी पूरा हो गया, जो उन्होंने 1992 में अयोध्या यात्रा के दौरान किया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक श्री मोदी आम कार्यकर्ता के रूप में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व अध्यक्ष मुरली मनोहर जोशी के साथ अयोध्य गये थे। उन्होंने देखा कि अवध के राजा राम टेंट में हैं तो, वे व्यथित हुए और एक पत्रकार को सिर्फ इतना ही कहा कि अब जब भी श्री राम का मंदिर बनेग तब वे अयोध्या आयेंगे। इसके अलावा अनेक रामभक्तों के मंदिर निर्माण को लेकर की गई प्रतिज्ञा भी आज पूर्ण हो गई। सोमवार को अयोध्या नगरी में शुभ मुहूर्त में जैसे ही रत्नजड़ित स्वर्णकमल के भव्य सिंहासन पर मनमोहक स्वरूप में श्रीरामलला विराजमान हुए,  वैसे ही देशभर के साथ टीवी स्क्रीन पर लाइव कवरेज देख रहे गिरिडीह जिले के लोगों द्वारा घर-घर में बधाई देने का क्रम शुरू हो गया।

चौक-चौराहों पर शंख ध्वनि के बीच ढोल-नगाड़े बजे

गिरिडीह के तमाम मंदिरों में चौक-चौराहों पर शंख ध्वनि के बीच ढोल-नगाड़े, घंटे- घड़ियाल बजने लगे। जय श्रीराम के जयकारों के साथ रामधुन पर लोग थिरकने लगे। युवकों ने सड़कों पर मंदिर परिसरों में आतिशबाजी कर महिलाओं ने श्री फल नारियल फोड़कर प्रभु श्री राम के अपने देश में अपनी जन्म भूमि पर विराजे जाने का स्वागत किया। चौक-चौराहों पर युगों-युगों के बाद श्रीराम आए हैं…आए हैं.. आए हैं, प्रभु राम आए हैं…गीत बजने लगे। परस्पर बधाई देने के साथ ही मिठाइयां बांटी जाने लगी। जिले के प्राय: सभी मुहल्लों, कस्बों और गलियों में दिनभर अपने अराध्य के आने की खुशी में जश्न के माहौल में राम भक्त सराबोर हो गए। शाम होते ही मंदिरों के गुंबद, घरों की छतें, किसानों की खिलिहानें, मजदूरों की झोपड़ियों में दीपों से जगमगाने लगी।

देशवासियों को ऐतिहासिक अवसर देखने को मिला

देर शाम तक सभी वर्गों के लोग दीवाली मनाते रहे। घर आने वाले आगन्तुकों को मुंह मीठा कराते रहे। प्रभु राम के आने की बधाई दी और कहा कि उनका मानव जन्म सार्थक हो गया। नियति ने उनकी आंखों को आलौकिक स्वरूप में श्री राम लला के दर्शन करा दिये, जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी। सपने में भी नहीं सोचा था आज उनकी आंखे देख रही हैं। दरअसल 500 सालों की लम्बी प्रतीक्षा  और संघर्ष के बाद देशवासियों को आज का ऐतिहासिक दिन देखने का अवसर मिला जो, उनके पूर्वजों को भी नहीं मिला था। स्वाभाविक है कि लोग सदी के सबसे बड़े राम उत्सव को लेकर काफी खुश है। प्रभु राम के प्रति इस प्रकार का अनुराग मैंने खुद के पत्रकारिता जीवन के ढाई दशक के अंतराल में किसी भी पर्व त्यौहार यहां तक कि लम्बे संघर्ष के बाद गठित पृथक झारखंड राज्य बनने के बाद  भी देखने को नहीं मिला, जैसा विगत एक माह से हर क्षेत्र देखने को मिला है।

मंदिर कमेटियों ने हवन-कीर्तन व विशेष भोग लगाए

गिरिडीह शहर के कोने-कोने में लोगों में श्री राम के प्रति भक्ति भाव का आलम यह था कि अपने अराध्य के पधारने की खुशी में सोमवार को अहले सुबह से ही जिले भर के लगभग मंदिरों में भक्तों ने रामभजन,रामायण पाठ, हनुमान चालीसा पाठ किये, जो देर शाम तक अनवरत चलता रहा। आम दिनों की अपेक्षा आज मंदिरों में भक्तों की काफी भीड़ जुटी थी। इस दौरान मंदिर कमेटियों की ओर से विशेष पूजा-अर्चना हवन-कीर्तन एवं विशेष भोग लगाए गये थे। जगह-जगह भंडारे का अयोजित किये गये थे। इस अविस्मरणीय पावन मौके पर मंदिरों की साफ सफाई कर संजाया संवारा गया था।

झंडा मैदान दीपों से जगमगा उठा

श्री श्याम मंदिर’, महावीर कुटिया मंदिर ‘सियाराम मंदिर बड़ा चौक, विश्वनाथ मंदिर समेत जिले के अन्य मंदिरों को फूलों से सजाया गया, दीये जलाये गये, लेकिन विशेेष दीप उत्सव गिरिडीह के ऐतिहासिक झंडा मैदान में हुआ, जहा पूर्व विधायक निर्भय शाहाबादी की अगुवाई में राम भक्तों ने 25 हजार दीपक जलाये, जिसे देखने के लिए पूरा शहर उमड़ पड़ा। इधर, आज ही की शुभ तिथि में बड़ा चौक स्थित राम जानकी मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान सम्पन्न हुआ। प्राण प्रतिष्ठा के बड़ा चौक मंदिर, पुराना जेल मंदिर सहित कई मंदिरों में भक्तों के बीच महाप्रसाद वितरण किया गया, जो देर शाम तक चला। लगभग ऐसा ही वातावरण राजधनवार, जमुआ, डुमरी, गांडेय, बेंगाबाद आदि इलाकों में रामभक्तों ने दीवाली मनाई और आतिशबाजियां की. इस दौरान कहीं से भी कोई अप्रिय स्थिति की सूचना नहीं है. पुलिस-प्रशासन ने हर चौक-चौराहों पर मुस्तैदी से डटे रहे.

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