ईडी समझे…रिकार्ड में जमीन भुइहरी दर्ज है, यह ननसेलेेेेबुल है…केस नहीं बनता…!
रांची : हेमंत सोरेन और ईडी के बीच चल रही रस्साकशी से झारखंड में सियासत गरमाई हुई है. उधर, भाजपा और राजभवन के वक्तव्यों को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय महासचिव व प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने सोमवार को प्रेसवार्ता कर स्पष्ट किया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर्सनल कामों को लेकर दिल्ली गये हुए हैं। ईडी ने खुद 29 से लेकर 31 जनवरी तक की तारीख तय की है. हम 31 को समय भी दे चुके हैं। उसके बाद भी यह पूछना कि जगह बताइये तो, समय बताइये। आखिर इस तरह के भ्रम कौन फैला रहा है। श्री भट्टाचार्य ने कहा कि लगभग दो-तीन दिनों से राजनीतिक परिस्थितियों को जिस तरह से पेश किया जा रहा है, वो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। राजनीतिक मतभेद हैं, तो उसे राजनीतिक स्तर पर लड़िये, जनता के बीच जाइये। पर जनता के पास आपको जाने की ताकत ही नहीं है। इसलिए आधारहीन तथ्यों के सहारे ईडी को आगे करना सही नहीं है.
सुप्रियो ने मीडिया को आधारहीन खबरों से बचने की नसीहत दी
उन्होंने कहा कि ईडी की टीम जिस जमीन को लेकर बातचीत कर रही है, वो जमीन रिकार्ड में भुइहरी जमीन दर्ज है, तो जो हो ही नहीं सकता, उस पर केस दर्ज को लेकर बेमतलब की बयानबाजी हो रही है। फिर भी हम ईडी को कह रहे हैं कि आना है आइये, पर प्रोपेगेंडा मत कीजिए। Who is source? की चर्चा पर उन्होंने कहा कि ये मीडिया में ये अजीब सा शब्द घूम रहा है। दरअसल, ईडी की कार्रवाई हेमंत सरकार को डरानेवाली कार्रवाई लग रही है, जो संभव ही नहीं है, क्योंकि ये चुनी हुई सरकार है। उन्होंने मीडिया से भी कहा कि आपलोगों आप सब जिम्मेदार लोग हैं. आपसे भी निवेदन है कि 31 तारीख को एक बजे के बाद राज्य के माहौल के बारे आप अपना अनुमान लगाइयेगा। आप यदि माहौल को खराब करेंगे, आधारहीन खबरों का प्रसारण करेंगे तो, कहीं न कहीं स्थिति खराब करने के आप जिम्मेवार भी हो सकते हैं. उन्होंने सीएम कहां हैं?, के मीडिया के सवाल के जवाब में सवाल दागा…गोद में बच्चा और नगर में ढिंढोरा…!
सुप्रियो ने राज्यपाल को उनकी चौहद्दी याद दिलाई
सुप्रियो ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को भी अपनी चौहद्दी की याद दिलाई। उन्होंने कहा कि गवर्नर की रुलिंग पॉलिटिकल पार्टी पर नहीं चलती और न ही गवर्नर किसी पार्टी के प्रवक्ता है। वे किसी पॉलिटिकल पार्टी को डायरेक्ट भी नहीं कह सकते। उन्हें अपनी चौहद्दी का ख्याल रखना चाहिए। सुप्रियो ने बाबूलाल मरांडी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें अगर सीएम का एप्वाइमेंट लेना है तो, वे आवेदन दें, उनका एप्वाइमेंट वे सीएम से फिक्स करवा देते हैं। उन्होंने कहा कि पिछली 20 जनवरी को ईडी की सात सदस्यीय टीम सहायक आयुक्त के साथ सीएम आवास पहुंची थी, जहां वो सात घंटे बिताई। मामला इसीआइआर 25/22 से संबंधित था। 17-18 सवाल थे। जो चुनाव आयोग को दिये गये हलफनामे में भी मौजूद था। ईडी तथाकथित विसंगतियों पर सवाल पूछ रही थी।
‘भुुुुुइहरी जमीन करीब 60 सालों से पाहनों के कब्जे में है’
सुप्रियो ने कहा कि यह क्राइम में आता भी नहीं था। बाद में बड़गाई की जमीन की चर्चा हुई। जब पता किया गया कि वो जमीन किसकी है तो मालूम हुआ कि वो जमीन भुइहरी नेचर का है, जिसकी खरीद-बिक्री हो ही नहीं सकती। वह जमीन करीब 50-60 सालों से पाहनों के कब्जे में है, इसी को लेकर समन हुआ है. उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि चुनाव आयोग में जो ब्योरे दर्ज हैं, वो सार्वजनिक है। ये आयकर के पास भी है। ईडी उसे आधार नहीं बना रही है। सोहराई भवन में जो ट्रांजेक्शन हुए, 2018-20 के बीच, उस संबंध में सारे रिकार्डस उपलब्ध है। मतलब साफ है कि जो चीजें बनती नहीं। उस पर भी ईडी द्वारा राजनीतिक इशारे पर ये सब किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का तीन महीने का शिड्यूल पहले से ही तय रहता है। इसमें कुछ ही मामले में फेर-बदल संभव है। दो और चार फरवरी को दुमका व धनबाद में पार्टी का कार्यक्रम है। नौ से लेकर 29 फरवरी तक विधानसभा का बजट सत्र भी आहूत है। इस बीच में ईडी की कार्रवाई गैरवाजिब ही नहीं, बल्कि असंवैधानिक है। ऐसा करना नियम संगत नहीं है.