अब देखना है कि नए सीएम अपने प्रेस सलाहकार बदलेंगे या फिर उन्हें ही रिपीट करेंगे…?
पिंटू की कारस्तानियों से नए सीएम चंपई सोरेन भी बेखबर नहीं. उन्हें सोचना चाहिए कि आखिर एक अंडर ग्रेजुएट को प्रेस सलाहकार कैसे बना दिया जाए?
ईडी के रडार पर है पिंटू, लटक रही है गिरफ्तारी की तलवार. कई अधिकारी भी सकते में, पिंटू को सरकार में दूसरा सीएम का माना जाता था.
- नारायण विश्वकर्मा
रांची : झारखंड में अंतत: भाजपा का ऑपरेशन लोटस फेल हो गया. बहुत जल्द नेतृत्व परिवर्तन भी हो गया और हेमंत सोरेन के उत्तराधिकारी के रूप में चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री पद की जिम्मेवारी संभाल ली. चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री बनते ही हेमंत सोरेन की पहली पसंद रहे विनय कुमार चौबे को ही अपना प्रधान सचिव नियुुुक्त किया. इसके अलावा महाधिवक्ता भी राजीव रंजन ही बने. अब बारी है उन्हें अपने प्रेस सलाहकार रखने की. हेमंत सोरेन ने अपने अतिप्रिय और सरकार में सबसे अधिक पावर रखनेवाले और भ्रष्टाचार में शामिल अभिषेक प्रसाद पिंटू को ही चंपई सोरेन प्रेस सलाहकार बनाएंगे? ये बड़ा सवाल है. सत्ता प्रतिष्ठान के गलियारों में यह सवाल गूंज रहा है. इतना ही नहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के छोटे-बड़े कार्यकर्ता-नेता से लेकर विधायक-मंत्रियों के बीच भी ये चर्चा जोरों पर है. क्योंकि पिंटू पिछले साल से ईडी के रडार है. खनन और जमीन घोटाले में पिंटू की संलिप्तता उजागर हो चुकी है. सूत्र बताते हैं कि ईडी उनकी फाइनल फाइल तैयार कर चुकी है. ईडी उसे किसी भी दिन बुलाकर गिरफ्तार कर सकता है.
चंपई सोरेन एक अंडर ग्रेजुएट को प्रेस सलाहकार बनाने से परहेज करें…!
हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार के रूप अभिषेक प्रसाद पिंटू पिछले चार साल में बहुत ताकतवर हो चुका है. पार्टी से लेकर प्रशासनिक अमले में भी पिंटू सबकी आंख की किरकिरी बना रहा, पर हेमंत सोरेन के लिए वह आंख का तारा-सितारा बना रहा. उन्हें अघोषित रूप से सरकार में दूसरा सीएम का दर्जा प्राप्त था. सरकार में पिंटू के जबर्दस्त दखल की वजह सरकारी अधिकारियों,पार्टी के हर स्तर के कार्यकर्ता-नेताओं, यहां तक कि विधायकों और मंत्रियों को सीएम से मिलने के लिए पिंटू की चिरौरी करनी पड़ती थी. इसके अलावा ट्रांसफर-पोस्टिंग की जिम्मेवारी पिंटू अकेले संभालता था. खनन और जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन जैसे शालीन व्यक्ति को फंसाने में पिंटू की बहुत बड़ी भूमिका है. करीब डेढ़-दो साल पूर्व एक बार शिबू सोरेन की पोती और दुर्गा सोरेन सेना की अध्यक्ष जयश्री सोरेन ने मीडिया में यहां तक कह दिया था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सही हैं, पर सरकार में कुछ गलत लोग घुस गए हैं और वे सरकार की छवि को खराब कर रहे हैं. पिछले साल जब पिंटू से ईडी ने समन जारी कर पूछताछ की थी तो, झामुमो के समर्पित और पुराने कार्यकर्ता ने गुरु जी को इसकी सूचना दी थी कि बाबा (गुरुजी) सरकार में सबकुछ सही नहीं चल रहा है. इसपर गुरुजी ने भी उसकी बात से इत्तेफाक रखते हुए कहा था-हम समझ रहे हैं ऊ (पिंटू) उसको (हेमंत सोरेन) जेल भेजवा देगा. गुरु जी की बात आज सच साबित हुई. ऐसा नहीं है कि पिंटू की कारस्तानियों से नए सीएम चंपई सोरेन वाकिफ हैं. उन्हें सोचना चाहिए कि आखिर एक अंडर ग्रेजुएट को प्रेस सलाहकार कैसे बना दिया जाए?
कुछ साल पूर्व तक पिंटू एक मामूली शख्स था, हेमंत की छत्रछाया में रहकर अरबपति बना
हेमंत सोरेन के प्रेस सलाहकार बनने से पूर्व पिंटू एक मामूली शख्स हुआ करता था. उसके फर्श से अर्श तक पहुंचने के पीछे की कहानी के बारे में झामुमो के कई पुराने कार्यकर्ताओं और नेताओं ने बताया कि मूल रूप से 2011-12 में झामुमो में पिंटू का प्रवेश हुआ. 2016 में जब उसे खनिज आवंटित हुआ तो, बरहेट के विधायक के रूप में हेमंत सोरेन का उसे भरपूर साथ मिला. ईडी को सूचना मिली है कि पिंटू के इशारे पर ही पंकज मिश्रा संताल में अवैध खनन करवाया. कहा जाता है कि अवैध खनन और परिवहन पर पिंटू का ही नियंत्रण था. पंकज-पिंटू की बातचीत की विवरणी भी ईडी के हाथ लग चुकी है. कहा जाता है कि पिंटू कभी एक स्कूटर से चला करता था और टीवी रिपेयरिंग कर अपनी जीविका चलाता था. आखिर आज वह अरबों-खरबों का मालिक कैसे बन बैठा? बताया गया कि करीब 20 साल पूर्व उसने शिव शक्ति इंटरप्राइजेज के नाम से पीएमआरवाई स्कीम के तहत लोन लेकर रातू रोड में मोटर पाटर्स की दुकान खोली थी. साहेबगंज में खनन के लिए शिवशक्ति इंटरप्राइजेज के नाम पर ही उसने 11 एकड़ से अधिक जमीन खनन के लिए आवंटित कराया था. इसके अलावा उनके खिलाफ सरकारी कोष में जालसाजी करने व 18 करोड़ रुपए तक के गबन की शिकायत दर्ज है.
हेमंत को फंसाया दलालों ने, जैसे…कभी सूरज मंडल ने फंसाया था गुरुजी को
बता दें कि पिछले साल झामुमो के एक पुराने समर्पित कार्यकर्ता ने पंकज मिश्रा की गिरफ्तारी और अभिषेक प्रसाद को ईडी का समन मिलने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि सच तो यह है कि जैसे भोले-भाले गुरुजी को सूरज मंडल ने फंसाया था, उसी तरह से शालीन और सुलझे हुए हेमंत सोरेन को उनकी चंडाल चौकड़ी ने फंसा दिया है. उन्होंने कहा था कि सरकार में अग्रवाल बंधु, सिन्हा-श्रीवास्तव, पांडे, राउत, ठाकुर और अन्य चाटुकार अधिकारियों के चक्रव्यूह में हमारे अभिमन्यू (हेमंत सोरेन) बुरी तरह से घिरे हुए हैं. दरअसल, आईएएस पूजा सिंघल की गिरफ्तारी के बाद ही हमारे कार्यकारी अध्यक्ष को सचेत हो जाना चाहिए था. लेकिन पिंटू के कारण ही पूजा सिंघल भी सीएमओ में पावरफुल अधिकारी बन गई और पूरा खान विभाग उसके हवाले कर दिया गया.
चंपई अवाम की बेहतरी के लिए सीएमओ में बैठे घाघ लोगों को निकाल-बाहर करें
पार्टी के अंदरखाने में यह अक्सर सुना जाता था कि झामुमो अब गुरुजी की पार्टी नहीं रही. कुछ चाटुकार लोगों ने झामुमो को हाईजैक कर लिया है. पार्टी को अपनी जागीर बना ली है. यही कारण था कि गुरुजी के परिवार में भी समय-समय पर बागी स्वर उभरे. झामुमो के वरिष्ठ नेता और बोरियो के विधायक लोबिन हेंब्रम ने पिंटू समेत कुछ अन्य चाटुकारों पर प्रहार करते हुए कहा था कि लंबे समय से सीएमओ में बाहरी लोग धन-बल के जोर पर सरकार और पार्टी पर पूरी तरह से कब्जा जमा लिया है. मंत्रालय और सीएम हाउस के आसपास मंडराते लोगों में कितने आदिवासी-मूलवासी नजर आते हैं? इसे देखा जा सकता है. इसके बावजूद हेमंत सोरेन ने कभी इसपर गौर नहीं किया. अगर समय रहते हेमंत सोरेन पिंटू को सीएमओ से निकाल-बाहर कर देते तो संभवत: उन्हें यह दिन नहीं देखना पड़ता. बहरहाल, अब नए सीएम चंपई सोरेन को सीएमओ में बैठे ऐसे घाघ लोगों से परहेज करना चाहिए और गुड गर्वनेंस के जरिए अपने बचे-खुचे कार्यकाल का सदुपयोग कर एक मिसाल कायम करें.