गुमला – जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग गुमला ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में थाना रोड स्थित दुल्हन ज्वेलर्स के संचालक सुबोध सोनी को दोषी करार देते हुए उसे शिकायतकर्ता मो.कुर्बान पिता रियासत हुसैन ग्राम नवागढ़ पतराटोली थाना रायडीह जिला गुमला को लौटाये गये ज्वेलर्स की पुरी राशि 95 हजार 760 रू. तथा वाद खर्च के रूप में 10 हजार रू.को अदा करने का आदेश दिया है। यदि यह राशि शिकायतकर्ता को ससमय नहीं मिलेगी तो 6 प्रतिशत ब्याज भी लगेगा । प्राप्त जानकारी के अनुसार मो.कुर्बान ने अपनी बेटी की शादी के लिए उक्त प्रतिष्ठान से स्वर्णाभूषण खरीदे थे। इसके एवज में उन्होंने 95760 रू. अदा किया। दुकानदार ने यह भरोसा दिलाया था कि सभी आभूषण 22 व 24 कैरेट सोने का है। इधर उनकी बेटी को पैसे की जरूरत पड़ी तो वे प्रतिष्ठान के रसीद के साथ बेटी की ससुराल राउरकेला (उड़ीसा) स्थित बैंक शाखा में क्रय किये गये आभूषण को लोन लेने के लिए प्रस्तुत किया। तब बैंक द्वारा मान्यता प्राप्त कम्प्यूटराईज्ड गोल्ड व सिल्वर टेस्टिंग सेंटर से स्वर्ण आभूषणों की जांच कराई गई। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि कोई भी आभूषण 22 या 24 कैरेट का नहीं है।
इसलिए बैंक ने लोन देने से इंकार कर दिया।इसके बाद मो.कुर्बान प्रतिष्ठान के संचालक सुबोध सोनी से मिले और पुरी वस्तुस्थिति से अवगत कराया। तब संचालक सुबोध सोनी ने अपनी गल्ती स्वीकार करते हुए पुरी राशि लौटाने के लिए तैयार हो गयें। बाद ने श्री सोनी ने उक्त आभूषणों के एवज में मात्र 64440 रू. ही लौटाने की बात कही। इसपर आपति जाहिर करते हुए मो. कुर्बान ने वकालतन नोटिस भिजवाया। जिसे श्री सोनी ने लेने से इंकार कर दिया। तब मो. कुर्बान ने जिला उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज कराई। पुरे मामले की सुनवाई करने के बाद जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग गुमला ने अपना निर्णय पारित करते हुए विपक्षी सुबोध सोनी को 30 दिनों के अंदर 95760 रू. लौटाने,शिकायतकर्ता को वाद खर्च के रूप में 10 हजार रू. अलग से भुगतान करने का निर्देश दिया। उक्त राशि नहीं अदा करने पर उस पर 6 प्रतिशत साधारण ब्याज भी शिकायतकर्ता के पक्ष में भुगतान करना पड़ेगा। आयोग के अध्यक्ष ओम प्रकाश पांडेय तथा सदस्य सरला गंझू व सैयद अली हसन फातमी ने संयुक्त रूप से निर्णय दिया।
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