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Friday, September 20, 2024
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एसीसी सेवानिवृत्त कामगार संघ ने खलारी सीओ को पत्र देकर खलारी सीमेन्ट फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा सरकारी जमीन पर बने भवनों पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा किए जाने की जानकार दी

खलारी – एसीसी सेवानिवृत्त कामगार संघ के लोगों ने गुरुवार को खलारी अंचलाधिकारी प्रणव अम्बष्ट को खलारी सीमेन्ट फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा सरकारी जमीन पर बने भवनों पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा किए जाने की जानकारी देने संबंधित एक पत्र सौंपा। पत्र में संघ के लोगों ने जानकारी देते हुए कहा कि खलारी तथा बुकबुका मौजा की जमीन राज्य सरकार के द्वारा एसीसी कंपनी को लीज में दी गई थी। यह लीज 31.दिसम्बर 1989 को समाप्त हो गया है।

 

 

 

 

 

 

एसीसी वर्ष 1990 में ही खलारी सीमेंट कारखाना बेचकर चली गई। एसीसी कंपनी द्वारा दिए गए लीज नवीकरण के लिए दिए गए द्वितीय आवेदन पर सरकार ने अब तक विचार नहीं किया। वहीं वर्ष 2022 से एसीसी कंपनी अडानी ग्रुप का हिस्सा हो गया है। पुर्व में खलारी सीमेंट फैक्ट्री की दो बार बिक्री हो चुकी है। सबसे पहले एसीसी से कोलकत्ता के फ्रेजर इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (एचएमपी ग्रुप) ने एक एग्रीमेंट के तहत खरीदा। बाद में वर्ष 1992 में एच एमपी ग्रुप से लेमन्स सीमेंट फैक्ट्री लिमिटेड ने उक्त फैक्ट्री को खरीद लिया।

 

 

 

 

 

 

एसीसी कंपनी से भी एक-निबंधित डीडी बनाया गया। जिसके बाद से लेमन्स सीमेंट लिमिटेड का ही नाम बदलकर खलारी सीमेंट लिमिटेड कर दिया गया। जिसका मालिक रांची के आरएस रूंगटा व उनके पुत्र संजय रूंगटा हैं। आरएस रूंगटा व उनके पुत्र संजय रूंगटा स्वयं को सरकार द्वारा एसीसी कंपनी को दिए हुए सैकड़ो एकड़ लीज भूमि का उत्तराधिकारी होने का भ्रम फैलाए हुए हैं। तथा विगत करीब 30-32 वर्षों से सरकार के सैकड़ों एकड़ भूमि का व्यवसायिक इस्तेमाल कर रहा हैं। इसी आधार पर सरकार की लीज जमीन पर बने भवनों, क्वार्टरों का कब्जा दूसरे लोग को बेच रहे हैं अथवा भाड़ा वसूल रहे हैं। पिछले दिनों बैंक ऑफ इंडिया खलारी शाखा से सटे भवन को बेच दिया गया, जिस पर खरीदने वाले ने कई दुकानों का निर्माण भी कर लिया है। हाल ही में खलारी स्टेशन रोड में दो भवन को बेचा गया है।

 

 

 

 

 

खरीदे गए भवन पर निर्माण कर दुकान खोल दिया गया है तथा निर्माण की तैयारी है। अंत में निवेदन किया गया कि सरकारी लीज भूमि पर बने भवन सहित कामगार के क्वार्टर सरकार के हैं, इसलिए इसे खलारी सीमेंट लिमिटेड व उनके मालिक द्वारा बेचे जाने या भाड़ा वसूलने पर तत्काल रोक लगाया जाय। लीज भवनों के खरीदारों को नोटिस कर उसके स्वामित्व की जानकारी ली जाए। साथ ही एसीसी लीज भूमि पर बने भवनों को सरकारी संपत्ति घोषित करते हुए भविष्य में बेचने पर रोक लगाने संबंधी एक आम आदेश जारी किया जाय। साथ पत्र के माध्यम से जानकारी दी गई कि 28 फरवरी को अंचल कार्यालय के समक्ष एसीसी सेवानिवृत कर्मचारी संघ सुबह 11 बजे से एक दिवसीय धरना देगा।

 

 

 

 

 

इस दौरान रामप्रीत यादव, योगेश्वर राम, दीलिप पासवान, रवीन्द्रनाथ चौधरी, विजय कुमार रजक, प्रताप यादव, विवेकानंद कुमार, आकाश कुमार, अशोक कुमार शुक्ला, अशोक कुमार, मनोज कुमार चौहान, शम्भु सिंह, रोशन कुमार, रोहन कुमार, संजीत सिंह, एसएन सिंह सहित अन्य शामिल थे।

News – Kumar Prakash.

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