-30 साल पुराने होटल अशोक की हालत जर्जर, इसका मेकओवर करना होगा
-हेमंत सोरेन से केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि होटल अशोक की चाबी वे खुद सौंपेंगे
-होटल के मालिकाना हक का मामला ठंडे बस्ते में
रांची : संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव और छत्तीसगढ़ के प्रभारी विजय शंकर नायक ने शुक्रवार को मीडिया से कहा कि राज्य सरकार की उपेक्षा के कारण राज्य के गौरव होटल अशोका में खंडहर में तब्दील होता जा रहा है और सरकार मूकदर्शक बनकर तमाशा देख रही है. श्री नायक ने रांची शहर एवं राजधानी की धरोहर को 29 मार्च 2018 को बंद कर दिया गया. 30 साल पुराने होटल अशोक की हालत आज बेहद खराब हो गई है। एक समय सिटी की धरोहर माने जाने वाले इस होटल की बर्बादी का आलम यह है कि अब यह खंडहर में तब्दील होता जा रहा है। पूरे परिसर में झाडि़यां उग आई हैं। अंदर जो सामान रखे थे, वे भी धीरे-धीरे खराब हो रहे हैं। अब इस होटल को खोलने से पहले इसका मेकओवर करना होगा।
6 साल से बंद होटल के कर्मचारियों को वेतन नसीब नहीं
उन्होंने कहा कि 6 साल से बंद होटल बंद होने के कारण पिछले कई सालों से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है. इसके कारण उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। कहा कि 2016 में ही राज्य सरकार ने यह फैसला लिया था कि होटल रांची अशोक के सभी शेयर झारखंड सरकार खरीदेगी. इसके तहत 22 अक्टूबर 2016 को कैबिनेट की बैठक भी हुई थी. बैठक में 100 फीसद शेयर के साथ राज्य सरकार को इस होटल का मालिकाना अधिकार मिलने का रास्ता साफ करना था, लेकिन बाद में यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। झारखंड पर्यटन विकास निगम (JTDC) के इस होटल में 51 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि बिहार टूरिज्म की 36.5 फीसदी हिस्सेदारी है और बाकी 12.5 फीसदी JTDC के पास है।
हेमंत सोरेन ने होटल के स्वामित्व जोर दिया था और केंद्र पर दबाव भी बनाया
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार ने केंद्र से रांची में 1985 में निर्मित होटल अशोक के स्वामित्व को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने का आग्रह किया था, मगर स्वामित्व का हस्तांतरण कई वर्षों से अधिक समय से लंबित है। भारत पर्यटन विकास निगम (आईटीडीसी) ने 24 नवंबर, 2020 को होटल में अपनी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी 10 करोड़ रुपये में स्थानांतरित करने के लिए जेटीडीसी के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसमें से 6 करोड़ रुपये 25,000 शेयरों की खरीद के लिए और 4 करोड़ रुपये बकाया देनदारियों के लिए थे। श्री नायक ने यह भी बताया कि पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने विधानसभा में कहा था कि “जब से हमारी सरकार सत्ता में आई है, हमारा प्रयास है कि इस होटल को राज्य सरकार के स्वामित्व में लाया जाए। पैसा जमा करने सहित सभी औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद, हमें अभी तक होटल का स्वामित्व नहीं मिला है।” श्री सोरेन ने यह भी कहा था कि एक केंद्रीय मंत्री ने मुझसे कहा है कि वह होटल अशोक की चाबी खुद सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि नए सीएम चंपाई सोरेन को होटल के स्वामित्व को लेकर केंद्र पर दबाव बनाना चाहिए. वैसे इस होटल के उद्धार के लिए संपूर्ण भारत क्रांति पार्टी चरणबद्ध होकर आंदोलन चलाने का मन बनाया है.