गिरिडीह । ( कमलनयन )झारखंड मुक्ति मोर्चा के 51वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में शामिल होने सोमवार को पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने सक्रिय राजनीति की शुरूवात झारखड के दिशोमगुरु और अपने ससुर की परम्परा के तहत जिले के पारसनाथ पर्वत पर स्थित मांझीथान पहुंची और श्रद्धाभाव से पूजा अर्चना करते हुए राज्य की प्रगति के लिए प्रार्थना कर अपने सक्रिय राजनीतिक जीवन की शुरूआत की। मांझी थान में पूजा करने के दौरान कल्पना सोरेन के साथ मंत्री बेबी देवी, पार्टी के केन्द्रीय नेता सह सदर विधायक सुदिव्य कुमार सोनू सहित कई झामुमो नेता उपस्थित थे। मांझीथान में पूजा करने के बाद उन्होंने मधुबन स्थित भोमिया बाबा मंदिर में मथा टेका । यहा यह गौरतलव है कि दशको पहल
झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन ने भी मधुवन स्थित मांझीथान से ही पूजा कर अपने सक्रिय राजनीतिक जीवन की शुरूआत की थी । पूजा अर्चना करने के बाद गिरिडीह झंडा मैदान में पार्टी के 51 वे झारखंड स्थापना दिवस रेली मे भाग लिया । मौके पर 20 सूत्री अध्यक्ष महेश मरंडी, गोपाल विश्वकर्मा, ताज हसन सहित कई लोग मौजूद थे । जेएमएम नेत्री कल्पना सोरेन की राज्य के लोगों के प्रति अपने पति की भावनाओ का अनुमान सहज ही ‘एक्स’ पर पोस्ट से लगाया जा सकता है। जिसमे उन्होंने हाल में लिखा है कि हेमंत जी ने हमेशा संघर्ष से लड़ना सीखा है, उसके सामने झुकना नहीं । उन्होंने कोरोना काल का जिक्र करते हुए लिखा है कि कोरोना का समय था और सभी ओर भय का माहौल. जब भारत सरकार ने पूरे देश को लॉकडाउन लगाकर बंद करने का फैसला लिया, तब झारखंड की जिम्मेदारी संभालते हुए हेमंत जी को दो महीने ही हुए थे ।उनके सामने न सिर्फ राज्य में रह रहे लोगों की फिक्र थी, बल्कि अन्य राज्यों से आ रहे प्रवासी श्रमिक भाइयों-बहनों, बच्चों-बुजुर्गों तथा अन्य राज्यों में रह रहे झारखंडियों तक मदद पहुंचाने की भी जिम्मेदारी थी. वे हर रोज सुबह से देर रात तक अधिकारियों से व्यवस्था की जानकारी लेते हुए उन्हें जरूरी दिशा-निर्देश देने के बाद, कभी-कभी अलसुबह 4:00 बजे तक जरूरी फाइलें निबटाया करते थे ।
News – Kamal Nayan / Narayan Vishwkarma