खलारी। अंतरराष्ट्रीय संस्थान प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की पूर्व मुख्य प्रशासिका दादी गुलजारजी का तृतीय स्मृति दिवस ब्रह्माकुमारी गीता पाठशाला डकरा सुभाष नगर में मनाया गया। इस अवसर पर गीता पाठशाला की नियमित ब्रह्माकुमारी प्रीति बहन ने श्रद्धेय दादी जी के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद सरोजिनी देवी एवं मुनमुन सिंह के साथ सेवा केंद्र की समस्त बहन-भाइयों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। मौके पर सेवा केंद्र के कमल भाई ने दादी गुलजार जी की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा की दादी जी का जन्म 1929 को सिंध हैदराबाद में हुआ था। दादी जी जब संस्थान के संपर्क में आए तब उनकी आयु 8 वर्ष की थी तब से लेकर जीवन पर्यंत परमात्मा पर संपूर्ण समर्पण बुद्धि होकर दादी जी ने मानवता की सेवा की। जिससे लाखों मनुष्य आत्माओं को सदाचारी, श्रेष्ठा चारी जीवन बनाने की राह दिखाने तथा परमात्म मिलन कराने के निमित्त बनी । वही गीता पाठशाला की नियमित ब्रह्माकुमारी प्रीति बहन ने कहा कि दादी जी ने दिव्यता को धारण कर अनेकों का जीवन दिव्य बनाया।
उन्होंने कहा कि दादीजी का जीवन लाखों भाई-बहनों के लिए मिसाल था, दादीजी का एक-एक कर्म उदाहरण मूर्त था, उन्होंने ताउम्र परमात्मा का संदेशवाहक बनकर अथक सेवाएं कीं। दादी जी हमेशा सभी को एक महामंत्र देते थे कि कम बोलो, धीरे बोलो, मीठा बोलो और सदा ईश्वर को अपना साथी बना कर रहो तो कभी परेशान नहीं होगे एवं सदा खुश रहेगे। उन्होंने कहा कि दादी जी की विशेषताओं का वाणी द्वारा वर्णन करना आसान नहीं है। उनके बताए हुए मार्ग पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है ।
वही सेवा केंद्र से जुड़े मुख्य सरोजिनी देवी एवं मुनमुन सिंह ने अपने जीवन के अनुभव को विस्तार से बताया। इधर दोनों को ईश्वरीय सौगात दी गई। वही कार्यक्रम के दौरान 10 साल की आराध्या उर्फ परि बहन ने अपने मेडीटेशन से सभी का मन मोह लिया। इस कार्यक्रम में राम अयोध्या भाई, संजय भाई, प्रेम भाई, उमाशंकर भाई सहित अनेकों भाई-बहन शामिल हुए।
News – Kumar Prakash.