गुमला – यह देखो पंजाब नेशनल बैंक का अद्भुत खेल और और कारनामा, सन् 2008 से लकवा ग्रस्त होकर बिस्तर पर पड़े शकरपुर गभारिया ग्राम निवासी रंथु उरांव किसान जिसने कभी बैंक का मुंह नहीं देखा है। उसके नाम पर 50 ,000 हजार रुपया का केसीसी बैंक लौन ऋण कैसे दे दिया गया है। जबकि वह चलने फिरने से लाचार है और लकवा ग्रस्त है। जब भी उसे इलाज के लिए लेजाया जाता है परिजन सहारा देकर या उसे गोद में उठाकर ले जाते है। फिर वह व्यक्ति कैसे बैंक तक चल कर ₹50 ,000 हजार रुपये का केसीसी लोन ऋण प्राप्त किया।
मामला सीधे-सीधे बैंक पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है। विकलांग की पत्नी शर्मिला उरांव न्याय पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रही है। अन्ततः शर्मीला उरांव गुमला जिला प्रशासन के गुमला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी को लिखित आवेदन देकर निर्भीक एवं निष्पक्ष जांच की मांग की है। ताकि सच्चाई का पता चल सके और दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जा सके। मामला बिना बैंककर्मियों के सांठगांठ के संभव नहीं हो सकता है। क्योंकि लकवा ग्रस्त रंथु उरांव ने जब बैंक का मुंह नहीं देखा फिर उसके नाम पर यह फर्जीवाड़ा का मामला नहीं तो और क्या हैं ??
अतः पीड़ित किसान की पत्नी शर्मीला उरांव बैंक कर्मियों द्वारा समय-समय पर ऋण रिकवरी के नाम पर मानसिक रूप से प्रताड़ित की जा रही है। अब वह मामले से छुटकारा चाहती है। बैंक से संबंधित बैंक कर्मियों द्वारा लगातार ऋण रिकवरी का रूपया ( पैसा ) चुकता करने का मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है। और तो और लकवा ग्रस्त रंथु उरांव द्वारा ₹50 ,000 हजार रुपया केसीसी बैंक ऋण लेने से संबंधित कागजात की मांग की जाती है। तो वह कागजात के नाम पर कुछ भी नहीं दिखा पाते हैं। जिसके चलते रंथु उरांव किसान द्वारा ऋण लेने का मामला साफ और साफ फर्ज और झुठा प्रतीत हो रहा है।
News – गनपत लाल चौरसिया