रांची : करीब एक पखवारा पूर्व अदालतों द्वारा फैसला सुरक्षित रखने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस वाई बी चंद्रचूड़ ने चिंता जतायी थी. उन्होंने कहा था कि फैसले को सुरक्षित रखने चंद दिनों बाद ही फैसला दिया जाना चाहिए पर, ऐसा होता हुआ दिख नहीं रहा है. झारखंड हाईकोर्ट द्वारा पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के एक मामले में 28 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन डेढ़ माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद कोई फैसला नहीं आने के बाद हेमंत सोरेन ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
JHC ने हेमंत की याचिका पर 28 फरवरी से अबतक फैसला सुरक्षित रखे हुुए है
उन्होंने दायर याचिका में कहा कि धनशोधन के एक मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तारी को चुनौती देनेवाली उनकी याचिका पर हाईकोर्ट फैसला नहीं सुना रहा है। न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ को सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने बताया कि हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर 28 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं दिया गया है। हेमंत सोरेन को ईडी द्वारा 31 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। उन पर जमीन से जुड़े घोटाले के मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है।