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Sunday, November 24, 2024
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नामांकन के बाद चुनावी सभा में कल्पना सोरेन ने कहा- झारखंड के डीएनए में आंदोलन है…इसलिए झुकना मंजूर नहीं…समय…चुनाव में वोट से बदला लेने का है  

कमलनयन

गिरिडीह : झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो सांसद शिबू सोरेन परिवार की बहू और पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन ने सोमवार को अपने सियासी सफर की शुरुआत गाण्डेय विस सीट से नामांकन दाखिल कर किया। नामांकन के पश्चात चुनावी सभा को संबोधित करते हुए झामुमो आलाकमान की शीर्ष नेत्री कल्पना सोरेन ने कहा कि इतिहास गवाह है झारखंडियों के डीएनए में आंदोलन है। पूरा प्रदेश आंदोलनकारियों का रहा है। कठिन परिस्थितियों में भी यहां के लोगों को झुकना मंजूर नहीं है। उन्होंने कहा कि लोग उनसे पूछते हैं पति हेमंत जेल में है तो, कैसा महसूस करते हैं, इसपर वे कहती हैं कि भले ही पति हेमंत सशरीर उनके साथ नहीं है लेकिन उनकी सोच झारखंड के करोड़ों दिलों में रची बसी है। उनकी सोच को किसी भी जेल की चाहरदीवारी में कैद कर रखना असंभव है। जेल का ताला टूटेगा हेमंत सोरेन छूटेगा. उन्होंने कहा कि वे एक ऐसे परिवार की भाग्यशाली बहू हैं, जिसके परिवार के मुखिया उनके ससुर बाबा दिशोम गुरु ने लम्बा संघर्ष कर पृथक झारखंड राज्य बनाया. लेकिन दुर्भाग्यवश 2019 के पहले की सरकारों ने राज्य की जनता को लुभावने वायदों के अलावा कुछ नहीं दिया। 2019 में हेमंत सोरेन को पांच सालों के लिए राज्य की जनता ने जनादेश दिया. उसके बाद से ही सतारूढ़ भाजपा वाले अस्थिर करने में जुट गये और बीच में ही सियासी षडयंत्र के तहत जेल भेजने का काम किया। कल्पना ने राज्य की जनता का आह्वान किया कि यह वक्त चुनाव में वोट से बदला लेने का है,  इसमें गलती नहीं करनी है। सभी 14 लोस सीटों पर इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशियों को जीतना है। पार्टी के निर्देश पर और बाबा शिबू सोरेन का आशीर्वाद लेकर वे स्वयं गाण्डेय विस में समर्थन के लिए खड़ी है। उन्हें पूरा भरोसा है कि गाण्डेय में वे भारी मतों के अंतर से जीतकर गाण्डेय में समावेशी विकास और झारखंड की धरती पर नई इबारत लिखेगी। उन्होंने कहा कि गाण्डेय मे विकास को लेकर उनके पास एक विजन है पिछले दिनो गाण्डेय क्षेत्र मे भ्रमण के क्रम मे कई बुनियादी समस्या से देखी सुनी है जिसे पूर्ण करना उनकी पहली प्राथमिकता होगी । चुनावी सभा मे झाममो के सुप्रीमो सांसद शिबू सोरेन भी अपनी बहुको आर्शीवाद देने पहुंचे थे।

पिछले दो चरणों के मतदान में 400 पार की हवा निकाल दी : सीएम चंपाई सोरेन

इस मौके पर मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि लोकसभा चुनाव 2024 और गाण्डेय विस उपचुनाव झारखंड की अस्मिता से जुड़ा चुनाव है। उन्होंने कहा कि यह वक्त झारखड की दशा और दिशा तय करेगा। सीएम सोरेन सोमवार को कल्पना सोरेन के समर्थन में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। भाजपा पर हमला करते हुए सीएम ने कहा कि भाजपा नेता पिछले कई महीनों से 400 पार का नारा देते नहीं थक रहे थे, लेकिन पिछले दो चरणों में हुए मतदान ने 400 पार की हवा निकाल दी है। सीएम ने कहा कि भाजपा 150 सीटों पर सिमट जायेग, क्योंकि विगत दस सालों में सतारूढ़ मोदी सरकार ने झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार किया है। जब हेमंत बाबू राज्य के हिस्से की रकम मांगने लगे तो झूठा केस बनाकर जेल भेजने का काम किया है। जिससे राज्य की जनता में आक्रोश व्याप्त है. अब इसका बदला झारखंड की जनता वोट से करेगी। मुख्यमंत्री ने राज्य की जनता का आह्वान किया कि गाण्डेय विस उपचुनाव सहित राज्य की सभी 14 लोकसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों को वोट देकर जिताने का काम करें। चुनावी सभा को मंत्री आलमगीर आलम, बसंत सोरेन, सत्यानंद भोक्ता, बेबी देवी, राज्यसभा सदस्य महुआ माजी, डा. सरफराज अहमद, माले विधायक विनोद सिंह, मथुरा महतो, कांग्रेस के प्रदेश प्रमुख राजेश ठाकुर, विधायक सुदिव्य कुमार सहित इंडिया ब्लॉक के कई बड़े नेताओं ने भी संबोधित किया।

 उम्र के इस पड़ाव में भी दिशोम गुरु के दिल में राज्य के विकास की तड़प

गिरिडीह : झारखंड मुक्ति मोर्चा के सुप्रीमो एवं पृथक झारखंड राज्य आंदोलन में अपने जीवन का बहुमूल्य समय खपा देनेवाले झारखंडियों के दिशोम गुरु शिबू सोरेन सोमवार को अपनी पुत्रवधू गाण्डेय विस उपचुनाव में इंडिया ब्लॉक की प्रत्याशी कल्पना सोरेन की चुनावी सभा में उपस्थित होकर न सिर्फ बहू को जीत का आशीर्वाद दिया, बल्कि उनकी मात्र कछ समय की उपस्थिति ने चुनावी सभा में आयी भीड़ के चेहरों पर खुशी ला दी। जनसभा के बीच में अचानक दिशोम गुरु का आगमन हुआ तो, जन समूह ने खड़े होकर बीर शिबू जिन्दाबाद के नारे से स्वागत व अभिनंदन किया। गुरुजी ने भी हाथ हिलाकर अपने समर्थकों का शुक्रिया अदा किया। सभा के अंत में अपने संक्षिप्त संदेश में दिशोम गुरु ने झारखंडियों के प्रति अपने दिल की वेदना को स्पष्ट करते हुए कहा कि झारखंड पिछड़ा राज्य है. इसके समावेशी विकास की काफी जरूरत है। राज्य बनने के बाद अपेक्षित विकास नहीं हुआ।

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