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Tuesday, September 17, 2024
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प्रोजेक्ट इम्पैक्ट के राज्यस्तरीय अनुश्रवण का दिखने लगा असर

✦ स्कूलों में साफ़ सफाई, शैक्षणिक वातावरण और जिम्मेदारी पंजी के प्रति सजग हुए शिक्षक
✦ बंद पड़े लैब और स्मार्ट क्लास हुए शुरू, स्कूलों में अब झाड़ियां नहीं, दिख रही क्यारियां, दीवारे भी आकर्षक पेंटिंग से सजी
✦ एक माह तक स्कूलों का हुआ औचक निरिक्षण, लापरवाह पदाधिकारियों पर हुई कार्रवाई
✦ बच्चो को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से आगे भी चलता रहेगा अभियान

राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक श्री आदित्य रंजन के निर्देशनुसार राज्यभर में सरकारी स्कूलों के अनुश्रवण के लिए गठित राज्यस्तरीय अनुश्रवण दल के पदाधिकारियों द्वारा स्कूलों के लगातार औचक निरिक्षण का राज्य के शिक्षा व्यवस्था में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिल रहा है। सरकारी स्कूलों के शिक्षकों में कार्य के प्रति संवेदनशीलता तो दिख ही रही है, साथ ही स्कूल में साफ़ सफाई और शैक्षणिक गुणवत्ता भी बढ़ी है। पहले जो शिक्षक कक्षाओं के संचालन में लापरवाही बरतते थे, अब वे भी समय पर कक्षा का संचालन कर रहे है। राज्य शिक्षा परियोजना के द्वारा विगत एक माह में कई स्कूलों के प्राचार्यो, शिक्षकों के विरुद्ध अनुशासनहीनता और लापरवाही बरतने के मामले में कार्रवाई की गयी है।

क्रियाशील हुए लैब, सड़ रही थी किताबे

अनुश्रवण के दौरान राज्य शिक्षा परियोजना के कई पदाधिकारी सुदूर इलाको में जाकर स्कूलों का अनुश्रवण कर रहे है। लापरवाही बरतने वालो के विरुद्ध एक्शन भी लिया जा रहा है। इन निरिक्षणो का असर है कि कुछ स्कूलों में सालो से विज्ञान प्रयोगशालाएं और लाइब्रेरी नहीं खुली थी, अब वहां भी बच्चे प्रयोगशालाओं और लाइब्रेरी का लाभ ले रहे है। अनुभवी शिक्षक इन बच्चो को व्यवहारिक ज्ञान दे रहे है। कई स्कूलों में बंद पड़े स्मार्ट क्लास भी शुरू कर दिए गए है।

सुस्त थी टोला टैगिंग, फिर हुई शुरू

स्कूलों में ड्राप आउट रोकने के लिए और नामांकन बढ़ाने के उद्देश्य से शिक्षकों को विद्यालय के पोषक क्षेत्रों में भ्रमण कर अभिभावकों से संवाद करना होता है। इसे टोला टैगिंग कहा जाता है। समय समय पर इस प्रक्रिया को किया जाना अनिवार्य है, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित ना रहे। अनुश्रवण से पहले विद्यालयों द्वारा इस महत्वपूर्ण कार्य में लापवाही बरती जा रही थी। अब प्रत्येक विद्यालय द्वारा जिम्मेदारी पंजी बनाकर शिक्षकों को बारी बारी से टोला टैगिंग की जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। शिक्षक कक्षाओं के संचालन के बाद एक घंटा अपने पोषक क्षेत्रों में जाकर अभिभावकों से संवाद कर रहे है।

स्कूलों को झाड़ियों से मिली मुक्ति, पुरानी एवं जर्जर इमारतों के मरम्मत का कार्य शुरू

राज्य अनुश्रवण के दौरान अनुश्रवण पदाधिकारियों ने पाया कि कई सरकारी विद्यालयों के भवन जर्जर है और स्कूल परिसर में झाड़ियों और कचरो का अंबार है। अनुश्रवण के दौरान झाड़ियों और कचरो को साफ़ कर स्कूल भवन की मरम्मति का निर्देश दिया गया। जिसके बाद आज कई स्कूल झाड़ियों और जर्जर हालात से मुक्त हो गए है। स्कूलों में अब झाड़ियों की जगह क्यारियों ने ले ली है।

वॉल पेंटिंग्स ने बढ़ाई स्कूलों की सुंदरता

अनुश्रवण पदाधिकारियों ने स्कूलों को खाली पड़े दीवारों में ज्ञानवर्धक संदेशो एवं चित्रकलाओं से वॉल पेंटिंग करने की सलाह दी, जिसके बाद कई विद्यालयों की दीवारे अब पहले से ज्यादा सुंदर व आकर्षक दिख रही है। दीवारों में ज्ञानवर्धक संदेश चित्रों के माध्यम से पेंट किये गए है। जो ना केवल सुंदरता बल्कि बच्चो के ज्ञान को भी बढ़ा रहे है।

बच्चो की बढ़ी उपस्थिति

अनुश्रवण के दौरान कई स्कूलों के विरुद्ध कम उपस्थिति के मामले में कार्रवाई की गयी। जिसके बाद स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए बच्चो की कम उपस्थिति के प्रति संवेदनशील हुए। शिक्षकों के लगातार प्रयास से अब स्कूलों में पहले से अधिक उपस्थिति देखने को मिल रही है। बच्चे अब पढ़ाई में पहले से ज्यादा रूचि लेने लगे है।

कार्रवाई करना उद्देश्य नहीं है, संवेदनशीलता बढ़ाना उद्देश्य है

प्रयास सह प्रोजेक्ट इंपैक्ट के अनुश्रवण के लिए गयी राज्यस्तरीय अनुश्रवण पदाधिकारियों से राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक श्री आदित्य रंजन ने साफ़ कहा है कि विभाग का उद्देश्य किसी के विरुद्ध कार्रवाई करना या शिक्षकों में भय पैदा नहीं है। अनुश्रवण का उद्देश्य ऐसे प्रयासों को बढ़ावा देना है, जो राज्य कि शिक्षा व्यवस्था में बदलाव ला सके। हर बच्चे को शिक्षा से जोड़ सके। लापरवाह पदाधिकारियों, शिक्षकों और प्राचार्यो को स्कूल के शैक्षणिक वातावरण के प्रति संवेदनशील बना सके। उन्होंने अनुश्रवण से पहले समीक्षा बैठक में भी अधिकारियों से अनुश्रवण के दौरान विनम्र स्वभाव रखने कि सलाह दी थी।

आगे भी चलेगा अभियान, सोशल मीडिया पर दर्ज करे शिकायत

राज्यस्तरीय अनुश्रवण पदाधिकारियों द्वारा स्कूलों के निरिक्षण के बाद आये बदलावों को देखते हुए राज्य शिक्षा परियोजना द्वारा लगातार इस तरह के अनुश्रवण अभियान चालये जाते रहेंगे। अगर आम लोगो को किसी भी स्कूल में लापरवाही या अनुशासनहीनता की शिकायत करनी हो तो वे राज्य शिक्षा परियोजना के आधिकारिक ट्विटर हैंडल @jepcjharkhand को अपनी शिकायत टैग कर सकते है। लापरवाह स्कूलों के विरुद्ध उक्त शिकायतों पर कार्रवाई की जायेगी।

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